November 1, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य जी की समाधि का उद्घाटन तथा उनकी प्रतिमा का अनावरण के साथ ही 130 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्धाटन किया।

देहरादून 05 नवंबर 2021,

केदारनाथ धाम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम उत्तराखंड में आदि शंकराचार्य जी की समाधि का उद्घाटन तथा उनकी प्रतिमा का अनावरण के साथ ही 130 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्धाटन किया। पीएम ने इस पावन अवसर पर उन्होंने कहा, आप आदि शंकराचार्य की समाधि के उद्धाटन के साक्षी हैं। देश के आदि शंकराचार्य जी से जुड़े मठ और ज्योतिर्लिंग आज हमारे साथ जुड़े हैं। केदारनाथ आते ही यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का दृश्य अद्भुत है। उनकी समाधि के आगे बैठना दिव्य अनुभूति है।

आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं।

शास्त्रों का उद्धरण देते हुए कहा कि, हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस में कहा गया है-‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’। अर्थात कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है।

2013 की केदारनाथ आपदा का स्मरण करते हुए कहा, बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से अपने स्वरुप में खड़ा हो पायेगा लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं
लगातार केदारनाथ में विकास कार्यों का जायजा लेता रहता था। मैंने विकास कार्यों की समीक्षा की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, शंकर का अर्थ है, “शं करोति सः शंकरः” अर्थात, जो कल्याण करे, वही शंकर है।
इस उद्धरणरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।

उन्होंने कहा कि पहले आध्यात्म और धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ, समग्र नजरिए में देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया।

उन्होंने बताया कि चारधाम सड़क परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पवित्र हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है।

उत्तराखंड के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था बदलने वाली है। उत्तराखंड में पलायन रोकने की योजना पर काम हो रहा है। अब पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ वालों के काम आएगी. यह दशक नौजवानों का है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है। भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, कोरोना टीकाकरण में 100 फीसदी सिंगल डोज़ का लक्ष्य प्राप्त कर कर लिया है। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किये विकास कार्यों की सराहना भी करी।

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