देहरादून 15 मार्च 2022,
दिल्ली:केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडे ने पीएलआई की जबरदस्त प्रतिक्रिया पर कहा, “उद्योग ने विश्व स्तर के विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास व्यक्त किया है। इससे प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है। भारत निश्चित रूप से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाएगा। भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।”
भारत में ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन संबद्ध-प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम 74,850 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव आकर्षित करने में सफल रही है जबकि निवेश का अनुमानित लक्ष्य पांच वर्ष की अवधि के लिए 42,500 करोड़ रुपए ही था। 45,016 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव चैम्पियन ओईएम प्रोत्साहन स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित आवेदकों से और 29,834 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव कंपोनेंट चैम्पियन प्रोत्साहन स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित आवेदकों से प्राप्त हुआ है।
23 सितंबर, 2021 को अधिसूचित भारत में ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम के अंतर्गत कुल 115 कंपनियों ने आवेदन किए थे। इनमें से 5 (पांच) ऑटो ओईएम कंपनियों ने स्कीम के दोनों भागों के लिए आवेदन किए थे। स्कीम के अंतर्गत आवेदन की सुविधा 9 जनवरी, 2022 के 23:59:59 बजे तक उपलब्ध थी। इस स्कीम के अंतर्गत प्रोत्साहन 01 अप्रैल, 2022 से 5 अनवरत वर्षों की अवधि के लिए भारत में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों की निश्चित बिक्री पर उपलब्ध हैं।
सरकार ने उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों के क्षेत्र में भारत की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से देश में ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग हेतु उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम के लिए 25,938 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय को मंज़ूरी दी थी। ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग संबंधी उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसके मुख्य उद्देश्यों में लागत की अधिकता को कम करना, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था सृजित करना और उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों के क्षेत्रों में सशक्त आपूर्ति-श्रृंखला का निर्माण करना है। इससे रोज़गार भी सृजित होगा। इस स्कीम से ऑटोमोबिल उद्योग की स्थिति बेहतर होगी और यह उच्चतर मूल्यवर्धित उत्पादों की मूल्य श्रृंखला में शामिल हो सकेगा।
इस पीएलआई स्कीम के अंतर्गत कुल 95 आवेदन प्राप्त हुए हैं। भारी उद्योग मंत्रालय ने इससे पूर्व, चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन स्कीम के लिए 20 आवेदकों (उनके 12 अनुषंगियों सहित) को मंज़ूरी दी थी। साथ ही, भारी उद्योग मंत्रालय ने कंपोनोंट चैम्पियन प्रोत्साहन स्कीम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को प्रसंस्कृत किया है और स्कीम की इस श्रेणी के अंतर्गत 75 आवेदकों (उनके 56 अनुषंगियों सहित) को मंज़ूरी दी गई है। स्कीम के दोनों भागों के लिए दो ऑटो ओईएम कंपनियों को मंज़ूरी दी गई है।
ऑटो क्षेत्र संबंधी पीएलआई स्कीम मौजूदा ऑटोमोटिव कंपनियों के साथ-साथ ऐसे नए निवेशकों के लिए भी खुली थी जो फिलहाल ऑटोमोबिल अथवा ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण कारोबार से जुड़े नहीं हैं। चैम्पियन ओईएम प्रोत्साहन स्कीम बिक्री मूल्य संबद्ध स्कीम है जो सभी प्रकार के बैटरी-चालित इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल चालित वाहनों पर लागू है। कंपोनेंट चैम्पियन प्रोत्साहन स्कीम बिक्री मूल्य-संबद्ध स्कीम है जो वाहनों के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी संघटकों, पूरी तरह से नॉक्ड डाइन/सेमी नॉक्ड डाउन किटों, दुपहियों, तिपहियों, यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों तथा ट्रैक्टरों आदि के एग्रीगेट्स पर लागू है।
ऑटोमोटिव क्षेत्र संबंधी पीएलआई स्कीम (25,938 करोड़ रूपए), पहले ही शुरु की जा चुकी उन्नत रसायन सेल संबंधी पीएलआई स्कीम(एसीसी) (18,100 करोड़ रूपए) तथा इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण (फेम इंडिया) (10,000 करोड़ रूपए) से भारत पारंपरिक जीवाश्व ईँधन पर ऑटोमोबिल परिवहन प्रणाली की निर्भरता खत्म कर पर्यावरण की दृष्टि से अधिक स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली को अपना सकेगा।
उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाले वाहनों/उत्पादों के निर्माण में संलग्न/निर्माण का प्रस्ताव देने वाले समूहों में से स्थानीय के अतिरिक्त वैश्विक मुख्यालय वाले समूहों से प्राप्त आवेदनों की दृष्टि से ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग काफी सफल रहा है। भारतीय कारोबारी समूहों के अतिरिक्त, अनुमोदित आवेदकों में जापान, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन, कोरियाई गणराज्य, आयरलैंड, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड्स और इटली जैसे देशों के समूह शामिल हैं।
जबरदस्त उत्साह से स्पष्ट है कि उद्योग जगत एक विश्वस्तरीय विनिर्माण वाले देश के रूप में भारत की प्रगति के प्रति आश्वस्त है जो माननीय प्रधानमंत्रीजी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के बिल्कुल अनुरुप है।