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सार
मलारी हाईवे से बीआरओ की टीम ने भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। वहीं कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में पहाड़ से भारी मलबा आने से सड़क बंद हो गई है।
उत्तराखंड में आज का मौसम: टनकपुर-चंपावत एनएच पर स्वांला में आया भारी मलबा
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बीआरओ की ओर से भूस्खलन क्षेत्र के 500 मीटर हिस्से में से करीब 250 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 18 जवानों की ओर से समीपवर्ती गांवों के ग्रामीणों की पैदल आवाजाही करवाई जा रही है।
14 अगस्त को सुराईंथोटा और तमक गांव के बीच चट्टान से हुए भूस्खलन के बाद से मलारी हाईवे ठप पड़ा है। भूस्खलन क्षेत्र में 11 केवी की बिजली लाइन भी ध्वस्त हो गई थी। इससे नीती घाटी के 14 गांवों में बिजली सप्लाई ठप पड़ी है। सोमवार को प्रशासन ने लाता गांव से मलारी तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि पहले दिन हेलीकॉप्टर ने छह राउंड में जगह-जगह फंसे 19 लोगों को नीती घाटी पहुंचाया, जबकि पांच ग्रामीणों को जोशीमठ क्षेत्र में लाया गया।
घाटी में राशन व अन्य जरूरी चीजों के निरीक्षण के लिए जोशीमठ तहसील के तीन कर्मचारियों को भी घाटी में भेजा गया है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाईवे को खोलने का काम जारी है। पांच जेसीबी भी तैनात कर दी गई हैं। मौसम ने साथ दिया तो जल्द हाईवे सुचारू कर दिया जाएगा।
नीती घाटी में जरूरतमंदों को लाने व ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर दी गई है। हाईवे न खुलने की स्थिति में हेली से ही घाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। धौली गंगा के किनारे वैकल्पिक पैदल मार्ग भी बनाया गया है, जिससे समीपवर्ती गांवों के ग्रामीण आवाजाही कर रहे हैं।
– कुमकुम जोशी, एसडीएम, जोशीमठ, चमोली।
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