देहरादून 23 2022,
दिल्ली: केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने सरकारी कर्मचारियों को पेंशन मामलों में बड़ी राहत दी है।, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेवारत केन्द्रीय कर्मचारियों के लापता (गुमशुदा) होने की स्थिति में उनके परिवार को दी जाने वाली पेंशन नियमों में छूट दी है।
इससे पहले किसी सरकारी कर्मचारी के लापता होने पर उसके परिजनों को पारिवारिक पेंशन नहीं मिलती थी और जब तक लापता व्यक्ति को सरकार के कानून के अनुसार मृत घोषित नहीं कर दिया जाता या जब से वह लापता हुआ है तब से सात साल हो जाने तक पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया जाएगा। नए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, उन सभी मामलों में जहां एनपीएस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया एक सरकारी कर्मचारी सेवा के दौरान लापता हो जाता है, तो पारिवारिक पेंशन का लाभ लापता सरकारी कर्मचारी के परिवार को तुरंत भुगतान किया जाएगा और यदि वह फिर से उपस्थित होता है तथा सेवा फिर से शुरू करता है, तो उसके लापता होने की अवधि के बीच के समय के दौरान परिवार पेंशन के रूप में भुगतान की गई राशि को तदनुसार उसके वेतन से काटा जा सकता है।
पेंशन विभाग के नए कार्यालय ज्ञापन का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे विशेष रूप से उन क्षेत्रों में बड़ी राहत मिलेगी जहां सरकारी कर्मचारियों के लापता होने की घटनाएं अधिक देखने में आती हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अपहरण के मामले सामने आए हैं । ऐसे मामलों में अपहृत कर्मचारियों के परिवार के हितों की रक्षा के लिए पेंशन नियमों में बदलाव किया गया है।