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केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने "स्वदेश टूरिज्म" कांक्लेव में प्रतिभाग किया - Separato Spot Witness Times
उत्तराखंड तथ्य

केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने “स्वदेश टूरिज्म” कांक्लेव में प्रतिभाग किया

नई दिल्ली: केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बालाजी फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में “स्वदेश टूरिज्म कांक्लेव” में प्रतिभाग किया । इस आयोजन में उत्तराखण्ड सहित गोवा, राजस्थान, मणणिपुर आदि राज्यों ने प्रतिभाग किया।

श्री महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी के कुशल मार्गदर्शन में जिस प्रकार से आज देश भर में टूरिज्म आगे बढ़ रहा है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

विश्व के पर्यटक भी आज बहुत बड़ी संख्या में भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड जहाँ आध्यात्म के साथ-साथ योग और पर्यटन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है, वहीं साहसिक पर्यटन में भी वह अपनी एक विशिष्ट पहचान पूरे विश्व में बना रहा है। मसूरी, नैनीताल, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, हर्षिल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और चमोली में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

उन्होने कहा कि इस वर्ष बदरीनाथ में पंद्रह लाख चौदह हजार सात सौ चौदह, केदारनाथ में चौदह लाख पच्चीस हजार पिच्चतर , यमनोत्री में चार लाख तिहत्तर हजार तीन सौ पिचान्वे, गंगोत्री में छहः लाख एक सौ चालीस और हेमकुण्ड साहब में एक लाख नब्बे हजार दो सौ चौसठ यात्री आ चुके हैं। हेमकुण्ड सहित चारधाम की यात्रा पर अब तक कुल बयालीस लाख तीन हजार पांच सौ अठासी से भी अधिक श्रृद्धालु आ चुके हैं जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बालाजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वदेश टूरिज्म कांक्लेव को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमने वैष्णव, शैव, शाक्त, विवेकानंद, नरसिंह, नवग्रह, गोलज्यू, महासू देवता, गुरुद्वारा और हनुमान सर्किट बनाए हैं। त्रिजुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

श्री महाराज ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार के प्रयासों के बाद नीति घाटी में इनर लाइन में छूट देते हुए बाबा अमरनाथ की तर्ज पर यहाँ स्थित टिम्मरसैण महादेव की यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। शीतकालीन टूरिज्म को बढावा देने के लिए भी हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट जब शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं। मां यमुना की उत्सव डोली “खरसाली” और मां गंगा की डोली “मुखवा गाँव में आ जाती है। अब शीतकालीन प्रवास के दौरान श्रृद्धालू खरसाली में मां यमुना और मुखवा में मां गंगा के दर्शनों का लाभ उठा सकते हैं। राज्य सरकार नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करने के लिए नई टिहरी झील और ऑली को साहसिक पर्यटन व ऋषिकेश को वैलनेस सिटी के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है। प्रदेश में साहसिक खेलों की अपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार की ओर से हर वर्ष एडवेंचरफेस्ट, गंगाक्याकिंग, नयारवैली एडवेंचर स्पोर्टस जैसे कई आयोजन कराये जा रहे हैं। नेलांग घाटी में स्थित गरतांग गली के पुनर्निर्माण के बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश में पंडित दीनदयाल होमस्टे योजना चलाई जा रही है। होमस्टे के लिये अबतक चार हजार चार सौ तिरेपन पंजीकरण किये जा चुके हैं।

स्वदेश टूरिज्म कांक्लेव के अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह एवं गोवा के पर्यटन मंत्री सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

 

 

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