देहरादून 21 मई 2022,
दिल्ली: 34 वर्ष पहले 1988 को सड़क में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में गुरनाम सिंह नामक 65 वर्षीय वृद्ध आदमी की मुक्का मार कर गैर इरादतन हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में सिद्धू द्वारा पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण किया गया जहां से उनको जेल भेज दिया गया है।चूंकि सिद्धू को कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, इसलिए उन्हें जेल नियमावली के अनुसार काम करना होगा। हालांकि पहले तीन महीनों के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। जेल नियमावली के अनुसार, एक अकुशल कैदी को प्रतिदिन 40 और एक कुशल कैदी को 60 प्रति दिन मिलते हैं।
सिद्धू के आत्मसमर्पण करने से पूर्व उनके अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कुछ समय मांगा जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने चिकित्सा मामलों को व्यवस्थित करना चाहते हैं। शाम 4 बजे के बाद सिद्धू ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित मल्हान की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सिद्धू को मेडिकल कराने के बाद जेल भेज दिया गया।
1999 में नवजोत सिंह सिद्धू और रूपिंदर सिंह को स्थानीय न्यायालय ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इसके बाद पीड़ित परिवारों ने इस फैसले को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसने 2006 में सिद्धू को दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।
2006 के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में सिद्धू ने चुनौती दी, जिसमें 2018 में उन्हें ‘स्वेच्छा से चोट पहुंचाने’ के अपराध का दोषी ठहराया गया था, लेकिन उन्हें 1,000 के जुर्माने के साथ बरी कर दिया गया। पीड़ित के परिवार ने फैसले की समीक्षा की मांग की और सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।