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हेमकुंड साहिब यात्रा पर रोजाना 5000 श्रद्धालु पहुंच रहे; मन मोह रहीं पहाड़ियां - Separato Spot Witness Times
धार्मिक राज्य समाचार

हेमकुंड साहिब यात्रा पर रोजाना 5000 श्रद्धालु पहुंच रहे; मन मोह रहीं पहाड़ियां

हेमकुंड साहिब में जमी बर्फ पिघल गई है। अलटाकोटी में अभी भी हिमखंड मौजूद है लेकिन रास्ते से बर्फ हटने से यात्रियों को सुविधा हो रही है। पहाड़ियों में बर्फ की चादर पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। प्रतिदिन 5000 से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंच रहे हैं जहां दोपहर दो बजे तक लंगर सेवा उपलब्ध है। गोविंदघाट में चिकित्सकों की कमी बनी हुई है।

हेमकुंड साहिब में जमी बर्फ पूरी तरह पिघल चुकी है। अब हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अलटाकोटी में ही हिमखंड बचा है। हालांकि हेमकुंड के चारों ओर पहाड़ियों में जमी बर्फ की सफेद चादर यात्रियों का मान मोह रही है। यात्रियों को हेमकुंड की यात्रा में खुशनुमा मौसम भा रहा है। हेमकुंड साहिब को छोड़कर बेस कैंप घांघरिया व गोविंदघाट में 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए लंगर चल रहा है।
हेमकुंड साहिब में बर्फ अब कुछ जगहों पर ही खेलने व फोटो खिचाने के लिए बची है। हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा, लंगर, सरोवर, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर परिसर में बर्फ पूरी तरह पिघल गई है। हेमकुंड के रास्ते में अटलाकोटी हिमखंड अभी भी मौजूद है। इस हिमखंड में रास्ते से भी बर्फ पिघल जाने से यात्रियों को आवाजाही में सुविधा हुई है।
हेमकुंड के चारों ओर पहाड़ियां बर्फ से लकदक है। इन दिनों हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। प्रतिदिन 5000 से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर आ रहे हैं। हेमकुंड साहिब में दो बजे तक ही यात्रियों को रुकने का समय है। यहां पर यात्रियों को ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हेमकुंड साहिब में सुबह पांच बजे से दो बजे दोपहर तक ही लंगर संचालित है।
24 घंटे चल रहा लंगर

जबकि गोविंदघाट व घांघरिया गुरुद्धारे में 24 घंटे लंगर सेवा है। गुरुद्वारा श्रीहेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के सीईओ सरदार सेवा सिंह का कहना है कि यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। हेमकुंड साहिब में बर्फ पिघल गई है। गोविंदघाट व घांघरिया में यात्रियों के लिए 24 घंटे लंगर की व्यवस्था है।
रोटेशन में चिकित्सक नहीं पहुंचा
हेमकुंड यात्रा मार्ग पर उच्च हिमालयी क्षेत्र की यात्रा होने के चलते हुए यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतें बनी रहती है। जिसके लिए गोविंदघाट , घांघरिया के साथ हेमकुंड में चिकित्सालय हैं। लेकिन गोविंदघाट में सरकार की ओर से तैनात किए चिकित्सक सिर्फ 10 दिन ही सेवा देने के बाद लौट और दुबार कोई नहीं आया । बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने रोटेशन व्यवस्था के तहत गोविंदघाट गुरुद्वारा गोविंदघाट में चिकित्सक तैनात किया गया था। दूसरे चिकित्सक को रोटेशन के तहत यहां पर तैनाती देनी थी। चिकित्सक के न आने से दिक्कतें होनी स्वाभाविक है।

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