कैथोलिक, चाहे वह महिला हो या पुरुष, वेटिकन के केंद्रीय प्रशासन के ज्यादातर विभागों का नेतृत्व कर सकेगा।
देहरादून 20 मार्च 2022,
वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने वेटिकन के संविधान में अभूतपूर्व बदलावों का एलान किया। नए संविधान के तहत बपतिस्मा (एक ईसाई संस्कार) करा चुका कोई भी कैथोलिक, चाहे वह महिला हो या पुरुष, वेटिकन के केंद्रीय प्रशासन के ज्यादातर विभागों का नेतृत्व कर सकेगा।
सैकड़ों वर्षों से इन विभागों का नेतृत्व पुरुष कर रहे थे, जो सामान्य तौर पर कार्डिनल या बिशप होते थे।
नए कानून की प्रस्तावना के अनुसार, ‘पोप, बिशप व अन्य धार्मिक पदाधिकारी ही सिर्फ चर्च के प्रचारक नहीं है। आम पुरुष व महिलाओं को भी सरकार में भूमिका और कुरिया (रोमन सीनेट भवन) में जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।’ संविधान के सिद्धांत खंड के अनुसार, ‘मत में विश्वास रखने वाला कोई भी सदस्य डाइकैस्ट्री (कुरिया के विभाग या पंचायती व्यवस्था) या संगठन का नेतृत्व कर सकता है, बशर्ते पोप यह निर्णय लें कि वह योग्य है और उसकी नियुक्ति हो सकती है।’
1988 के संविधान के अनुसार, कुछ को छोड़कर सभी विभागों का नेतृत्व कार्डिनल या बिशप करते हैं और सचिव, विशेषज्ञ व प्रशासक उनकी मदद करते हैं। नया संविधान आम पुरुष व महिला में अंतर नहीं करता, लेकिन उनकी नियुक्ति विशेष योग्यता और विभागों के संचालन की उनकी शक्ति पर निर्भर करेगा। विभागों को अपना संविधान तैयार करने की छूट भी होगी।
विशेषज्ञों ने बताया कि बिशप व पादरियों के विभाग का नेतृत्व पुरुष करते रहेंगे, क्योंकि कैथोलिक चर्चो में सिर्फ पुरुषों को ही पादरी बनाया जाता है। ऐसी अटकलें हैं कि पवित्र जीवन से संबंधित विभाग का भविष्य में नेतृत्व नन कर सकती हैं, जिसका फिलहाल कार्डिनल नेतृत्व करते हैं।
पिछले साल पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी के गवर्नर के रूप में सिस्टर रफीला पेट्रिनी को नामित किया था। वेटिकन सिटी में गवर्नर नंबर दो का स्थान है और इस पद पर पहुंचने वाली पेट्रिनी पहली महिला हैं।
