देहरादून 13 जून 2023,
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न-2047 के तहत भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने के लिए देश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को और मजबूत करना और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना था।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में आपदा प्रबंधन के लिए ₹8 हजार करोड़ से अधिक राशि की तीन प्रमुख योजनाओं की घोषणा की। राज्यों में अग्निशमन सेवा के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए ₹5 हजार करोड़ रुपए की परियोजना, शहरों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए सर्वाधिक जनसंख्या वाले सात महानगरों – मुंबई, चेन्नई, कोलकाता बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे के लिए ₹2.5 हजार करोड़ की परियोजना, भू-स्खलन शमन के लिए 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ₹825 करोड़ की राष्ट्रीय भू-स्खलन जोखिम शमन परियोजनाओं की घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य ये होना चाहिए कि एक भी व्यक्ति की जान आपदा के कारण ना जाए। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 5 साल में सभी राज्यों ने इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में प्रयास किए हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले तक आपदा को लेकर हमारा दृष्टिकोण राहत-केन्द्रित और रिएक्शनरी था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 9 सालों में अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, प्रिवेंशन, मिटिगेशन और पूर्वतैयारी-आधारित आपदा प्रबंधन के नए अद्याय को हम सबने सामूहिक मेहनतऔर लगन से ज़मीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि 350 उच्च-जोखिम आपदा संभावित ज़िलों में लगभग एक लाख युवा वॉलंटियर को तैयार करने का जो लक्ष्य मोदी सरकार ने रखा है, इससे आपदाओं के समय हमें बहुत अच्छे नतीजे मिल रहे हैं और इसका एनालिसिस बहुत सकारात्मक और उत्साहवर्धक है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र ने प्रोएक्टिव तरीके से पिछले चार वर्षों में मात्र 10 दिनों में 73 बार IMCT की टीम भेजकर राज्यों को मदद करने के प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि 2005-06 से 2013-14 तक के 9 साल और 2014-15 से 2022-23 तक के 9 सालों की तुलना करें तो, एसडीआरएफ को पहले 35,858 करोड़, रूपए आवंटित किए गए थे, जो लगभग तीन गुणा बढ़कर 1.047लाख करोड़ रूपए हो गया है। इसके अलावा एनडीआरएफ से जारी होने वाली राशि 25 हजार करोड़ रूपए से बढ़कर, लगभग तीन गुणा वृद्धि के साथ 77 हजार करोड़ रूपए हो गया है।उन्होंने कहा कि प्रोएक्टिव अप्रोच के चलते, केन्द्र और राज्यों ने आपदा के जोखिम के न्यूनीकरण और बाद में रिलीफ और रिहेबिलिटेशन के क्षेत्रों में बजटीय प्रोविजन को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में केन्द्र सरकार के तहत 16.7 हजार करोड़ रूपए से नेशनल डिज़ास्टर मिटिगेशन फंड का गठन किया गया था और एसडीएमएफ के तहत 32 हजार करोड़ रूपए शमन गतिविधियों के लिए रखे गए हैं।
बैठक में, राज्यों के मुख्यमंत्रियों,मंत्रियों, उपराज्यपाल, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ-साथ राज्य सरकार,संघ राज्य क्षेत्रों के आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, सदस्य, एनडीआरएफ, महानिदेशक, एनडीआरएफ , महानिदेशक एफएस, सीडी एवं एचजी, कार्यकारी निदेशक एनआईडीएम और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।