December 19, 2025

CM Arvind Kejriwal will again remain in the remand of the Enforcement Directorate till 01April .

दिल्ली , प्रवर्तन निदेशालय ने आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की राउज एवेन्यू कोर्ट दिल्ली मे पेश किया। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय और केजरीवाल का पक्ष सुनने के बाद केजरीवाल की रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ा दी है। वे अब दुबारा प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड में रहेंगे। सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड में भेज दिया था।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने अदालत में आबकारी नीति मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देश के सामने आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट होने की झूठी तस्वीर पेश की जा रही है। उन्होंने कहा, ”आबकारी नीति मामले में चार गवाहों ने मेरा नाम लिया है। क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए चार बयान पर्याप्त हैं?” उन्होंने कहा कि देश के सामने आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट होने की झूठी तस्वीर पेश की गई है और वह ईडी की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया। ईडी ने केजरीवाल की और सात दिन की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले से जुड़े कुछ लोगों से उनका आमना-सामना कराने की जरूरत है। ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जवाब देने में टालमटोल कर रहे हैं और अपने डिजिटल उपकरणों के पासवर्ड का खुलासा नहीं कर रहे हैं।

एएसजी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में बीजेपी को जो चंदे का पैसा दिए जाने की बात कही है उसका आबकारी घोटाले से कोई वास्ता नहीं है. ये चंदा कोई रिश्वत लेन-देन का मामला नहीं है. केजरीवाल कानून से ऊपर नहीं हैं. कानून की नजर में वो भी एक आम इंसान के बराबर ही हैं. हमारे पास इस बात को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि खुद अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत की मांग की थी.

एक अन्य मामले में मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हिंदू सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी।

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को हिंदू सेना की अर्जी पर सुनवाई हुई। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है।

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