दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऐतिहासिक दिन है और उन्होंने इस अवसर पर सभी लाभार्थियों और नागरिकों को बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ग्राम स्वराज को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वामित्व योजना ने ग्राम विकास के नियोजन और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण सुधार किया है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट मानचित्रों और आबादी वाले क्षेत्रों के ज्ञान के साथ, विकास कार्य की योजना सटीक होगी, जिससे खराब नियोजन के कारण होने वाली बर्बादी और बाधाएं दूर होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पंचायत भूमि और चरागाह क्षेत्रों की पहचान सहित संपत्ति के अधिकार भूमि स्वामित्व पर विवादों को हल करेंगे, जिससे ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संपत्ति कार्ड गांवों में आपदा प्रबंधन को बढ़ाएंगे, जिससे आग, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं के दौरान मुआवजे का दावा करना आसान हो जाएगा।
महात्मा गांधी की इस मान्यता पर जोर देते हुए कि भारत की आत्मा उसके गांवों में बसती है, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले एक दशक में इस दृष्टिकोण का सही मायने में कार्यान्वयन हुआ है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में 2.5 करोड़ से अधिक परिवारों, ज्यादातर ग्रामीण परिवारों को बिजली मिली है, जबकि 10 करोड़ से अधिक परिवारों को शौचालयों की सुविधा मिली है और 10 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के माध्यम से गैस कनेक्शन मिले हैं, जिनमें से अधिकांश गांवों में रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच वर्षों में 12 करोड़ से अधिक परिवारों को नल का पानी मिला है और 50 करोड़ से अधिक लोगों ने बैंक खाते खोले हैं, जो मुख्य रूप से गांवों में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं, जो कि ज्यादातर गांवों में हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दशकों से लाखों ग्रामीण, विशेष रूप से दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे और अब ये परिवार इन सुविधाओं के प्रमुख लाभार्थी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके प्रॉपर्टी कार्ड मिलें। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्य प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के प्रमाणपत्रों को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख, प्रॉपर्टी कार्ड, मालमत्ता पत्रक और आवासीय भूमि पट्टा। श्री मोदी ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं।” आज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 65 लाख से ज़्यादा परिवारों को ये कार्ड मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत अब गांवों में रहने वाले करीब 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिल चुके हैं। उन्होंने सभी लाभार्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
स्वामित्व योजना को प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था, ताकि सर्वेक्षण के लिए नवीनतम ड्रोन तकनीक के माध्यम से गांवों में बसे हुए क्षेत्रों में घरों के मालिक परिवारों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान किया जा सके। 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें लक्षित गांवों का 92 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में यह योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।