November 1, 2025

आयोग के पारदर्शी सिस्टम में “वोट चोरी” जैसी बात संभव ही नहीं है:अगर ऐसा कोई संशय है तो शपथपत्र के साथ सबूत पेश करें:चुनाव आयोग 

Delhi, 17 August 2025,

बिहार में चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली को लेकर इंडिया गठबंधन ने आज बिहार के सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की है। वहीं चुनाव आयोग ने नेशनल मीडिया सेंटर में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोधियों को खड़ा संदेश भी दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, दो अन्य चुनाव आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से कहा कि बिहार में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स बीएलए ने मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार किया और सभी राजनीतिक दलों के एजेंट्स ने इसे हस्ताक्षर कर सत्यापित किया। इस दौरान 28,370 दावे और आपत्तियां भी दर्ज की गईं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि, हाल ही में कुछ मतदाताओं की तस्वीरें उनकी अनुमति के बिना मीडिया में दिखाई गईं। आयोग किसी मतदाता, उसकी मां या बेटी का सीसीटीवी वीडियो साझा नहीं करता है। ऐसा करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि, केवल वही लोग मतदान करते हैं जिनके नाम सूची में दर्ज होते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त बिना किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों ने डबल वोटिंग का आरोप लगाया है। लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई जवाब नहीं मिला। आयोग और मतदाता ऐसे बेबुनियाद आरोपों से नहीं डरते। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बीएलए और 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं। चुनाव आयोग के पारदर्शी सिस्टम में “वोट चोरी” जैसी बात संभव ही नहीं है। आयोग ने विपक्षी नेताओं से कहा कि अगर ऐसा कोई संशय है तो शपथपत्र के साथ सबूत पेश करें। बिना सबूत के इस तरह के बयान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाते हैं।

चुनाव आयोग ने ‘वोट चोरी’ के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि, इस मामले में राजनीतिक दल को अपने आरोपों की शिकायत 7 दिन के अंदर एफिडेविट के साथ चुनाव आयोग को देनी होगी। उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा शिकायत के आभाव में ये सारे आरोप निराधार माने जाएंगे। आयोग कहा कि चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 45 दिन तक सुप्रीम कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की जा सकती है। आयोग ने विपक्षियों पर सवाल उठाते हुए कहा, समयावधि समाप्त होने के बाद में आरोप लगाए जाते हैं, तो लोग खुद समझ जाते हैं कि इन आरोपों के पीछे उनका असली मकसद क्या है? आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल भारतीय नागरिक ही सांसद या विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं। एसआईआर प्रक्रिया में उसे दस्तावेजों के जरिए अपनी नागरिकता साबित करनी होगी, वरना उसका नाम हटा दिया जाएगा।

चुनाव आयोग के पास चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान नेताओं की गलत या भ्रामक बयानबाज़ी पर कार्रवाई करने की शक्ति होती है। आयोग ऐसे मामलों में नोटिस जारी कर सकता है और नेता से जवाब मांग सकता है।

चेतावनी दे सकता है या चुनाव प्रचार से कुछ समय के लिए रोक सकता है। गंभीर मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने की सिफारिश कर सकता है। लेकिन अगर कोई नेता संसद और विधानसभा के बाहर राजनीतिक भाषणों में झूठ बोलता है। ऐसी स्थिति में मामला संबंधित कानून जैसे मानहानि, आईपीसी की धाराओं के तहत आता है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright2017©Spot Witness Times. Designed by MTC, 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.