Delhi, 20 August 2025,
आज बुधवार को लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया गया। प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक अगर कोई मंत्री या प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले गंभीर अपराध में आरोपी हो और लगातार 30 दिन हिरासत में रहता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सिफारिश कर सकते हैं कि उस मंत्री को हटाया जाए। यदि सिफारिश नहीं होती है। तो 31वें दिन से वह व्यक्ति स्वतः मंत्री पद से हट जाएगा।
लोकसभा में शाह ने तीन अहम विधेयक पेश किए हैं।
इस बिल के पेश करने के दौरान सदन में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। विपक्ष के कुछ सांसद लोकसभा की वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी भी फाड़ दी और कागज के टुकड़े अमित शाह की तरफ उछाले।
गृह मंत्री अमित शाह ने,कहा कि मैं जब झूठे मामले में जेल गया था, तब नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा देकर गया था। उन्होंने कहा कि जब तक अदालत ने मुझे निर्दोष साबित नहीं किया। तब तक किसी भी संवैधानिक पद को ग्रहण नहीं किया।
अमित शाह ने बिल पेश करते हुए इसे 21 सदस्यों वाली जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया।इस पर ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि यह विधेयक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के पास चर्चा के लिए भेजा जाएगा।
प्रियंका गांधी
130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 को सांसद प्रियंका गांधी ने क्रूर बताया है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को संंसद परिसर में मीडिया से कहा, “मैं इसे पूरी तरह से क्रूर मानती हूं क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ है।इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना लोगों की आंखों पर पर्दा डालने जैसा है।
राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि अभियुक्त और दोषी का पूरा फर्क मिट गया है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर टिप्पणी की थी कि वे राजनीतिक खेल का हिस्सा बन रहे हैं। वे किसी पर भी पीएमएलए का केस लगाकर उसे जेल में डाल देंगे। यह एक चाल है। जहां आप चुनाव नहीं जीत सकते, वहां आपको विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की जरूरत नहीं है। बस उन्हें अस्थिर करके गिरा दो। मुझे लगता है कि गृह मंत्री अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं।
सपा के सांसद राजीव राय ने इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी अपराधी होगा, वह या तो बीजेपी में शामिल हो जाए या इस बिल का उपयोग किया जाएगा।
कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, “यह सिर्फ़ ध्यान भटकाने की रणनीति है। यह एक कठोर कानून है। इसे संसद पारित नहीं करेगी। वे चुनावी धोखाधड़ी और बिहार यात्रा से ध्यान भटकाना चाहते हैं…वे बदले की राजनीति को संवैधानिक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सांसद पी. संतोष कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि विपक्ष इसका डटकर मुकाबला करेगा।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि वे सदन में विधेयक पेश होने के बाद ही कोई कार्रवाई करेंगे। “कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ है, लेकिन जब से भाजपा सत्ता में आई है, भ्रष्टाचार की परिभाषा बदल गई है। चाहे वह चुनाव आयोग हो, ईडी हो, या सीबीआई हो, इनका खूब दुरुपयोग हो रहा है। इस कानून का भी दुरुपयोग होगा। विधेयक आने दीजिए; हम इसे समझेंगे, और इसे समझने के बाद ही हम कार्रवाई करेंगे और इस पर प्रतिक्रिया देंगे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी भाजपा सरकार के इस विधेयक की आलोचना की है।