टिहरी बांध की झील इन दिनों अपनी अधिकतम जल क्षमता के लगभग पहुंच गई है। बुधवार को झील का जलस्तर 828.94 आरएल (रीवर लेबल) दर्ज किया गया। झील में अधिकतम पानी भरने की क्षमता 830 आरएल है। झील में महज 1.06 मीटर पानी भरने की क्षमता शेष बची हुई है। झील पानी से लबालब होने से टीएचडीसी के तीनों पावर प्रोजेक्ट टिहरी बांध, पीएसपी परियोजना और कोटेश्वर बांध से 1900 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
वर्तमान में झील में कुल 289.72 क्यूमेक्स पानी है जिसमें 121.81 क्यूमेक्स भागीरथी, 101 क्यूमेक्स भिलंगना और 66.91 क्यूमेक्स अन्य सहायक नदियों से आ रहा है। वहीं झील से 255 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि ग्रिड की मांग के अनुसार इन दिनों बिजली का पूरा-पूरा उत्पादन किया जा रहा है।
अगले एक-दो माह में पीएसपी परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कुल उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। झील का जलस्तर बढ़ने पर झील के आसपास किसी भी प्रकार के भू-धंसाव या भूस्खलन की सूचना नहीं मिली है। झील क्षेत्र की निरंतर निगरानी की जा रही है।