November 5, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के वोटचोर , कट्टा, अपमान मंत्रालय और पप्पू, टप्पू और अक्कू विशेष मुद्दे,

Bihar, 02 November 2025,

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ दो दिन का वक्त बचा है 4 नवंबर को शाम 5 बजे पहले चरण के 06 नवंबर को 121 सीटों पर होने वाले मतदान का प्रचार-प्रसार बंद हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमित शाह लालू प्रसाद यादव राहुल गांधी जैसे कद्दावर नेता जनसभाओं और रैलियों में प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगते दिखे। वहीं नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान चुनावी प्रचार करते नजर जाए। बिहार में पहले चरण का मतदान 06 नवंबर दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, तथा मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

एनडीए ने अपराध मुक्त बिहार और विकास को चुनावी मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने की आस लगा बैठा है। एनडीए के बार-बार बिहार की जनता को जंगलराज की भी याद दिला रहा है। ये एक ऐसा मुद्दा है जिसको महागठबंधन ने भी पकड़ा हुआ है और सूबे में जब भी कोई भी अपराध होता है तो जंगलराज शब्द को उछाल देता है। जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन जंगलराज की पहचान है‌। यही आरजेडी की पहचान है। यही उनके साथियों की भी पहचान बन गई है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने आरा की रैली में कहा कि आरजेडी ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा सटाकर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराया है।

चुनाव प्रचार की शुरुआत ही इस शब्द के साथ हुई थी और जैसे-जैसे रैलियों की संख्या बढ़ी वैसे-वैसे नए अपमान जनक शब्द भी नेताओं की जुबां से निकलते गए। इसमें कट्टा से लेकर मंत्रालय तक जुड़ते गए। ये लिस्ट लंबी है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में जिन शब्द की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो कट्टा और मंत्रालय हैं. 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर की जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन जंगलराज की पहचान है. यही आरजेडी की पहचान है. यही उनके साथियों की भी पहचान बन गई है. इसके बाद पीएम मोदी ने 2 नवंबर को आरा की रैली में कहा कि आरजेडी ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा सटाकर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराया। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर तेजस्वी ने कहा कि उन्हें ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए। किसी पीएम के द्वारा इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया गया। कट्टा शब्द को लेकर बयानबाजी हो ही रही थी कि इसी बीच मंत्रालय शब्द को चर्चा में ला दिया गया। इसको सबसे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने उछाला।

इस समय चुनावी मुद्दा रोजगार उपलब्ध कराने, शिक्षा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, विकास को बढ़ावा देने और बड़े उद्योग स्थापित करने वाले होने चाहिए थे। चिंता की बात है कि बिहार के चुनाव में छोटे बड़े सभी नेता अब हमारे आदित्य भाषा और टिप्पणियों का उपयोग कर राजनीति की गरिमा को चोट पहुंचा रहे हैं।

कोई कह रहा है की, एक नया मंत्रालय बनाएं और उसका नाम अपमान मंत्रालय रखें। ताकि उनका समय बर्बाद ना हो वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेजस्वी को सत्ता मिली तो बिहार में हत्या, अपहरण और रंगदारी के तीन नए मंत्रालय बनाए जाएंगे।

बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए कहा, पप्पू, टप्पू और अक्कू इंडिया गठबंधन के तीन बंदर हैं‌। उधर, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने राहुल गांधी द्वारा जलेबी बनाने और तालाब में गोता लगाकर मछली पकड़ने पर कहा, राहुल को राजनेता नहीं, बल्कि रसोईया होना चाहिए। कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर वोट चोरी करानें के निम्न स्तरीय आरोप लगाये गए हैं।

बिहार का चुनावी मैदान अब खुला हो गया है जहां नेता अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए तरह-तरह की घटिया भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी,लालकृष्ण आडवाणी जयप्रकाश नारायण जैसे उच्च कोटि के नेताओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए सदैव शालीन भाषा का इस्तेमाल किया है। हालांकि, इन दिनों स्थिति परेशान करने वाली है जहां हर तरह के नेता अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने और उनका मज़ाक उड़ाने में लगे हैं। इस प्रक्रिया में, वे घटिया भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright2017©Spot Witness Times. Designed by MTC, 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.