संसद में जनहित के मुद्दों को उठाना कोई ‘नाटक’ नहीं है, बल्कि इन पर चर्चा की अनुमति न देना असली ‘नाटक’ है।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा,
Delhi, 01 December 2025,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शीतकालीन सत्र 2025 के आरंभ से पूर्व मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि, संसद नीति (पॉलिसी) और परिणामों (डिलीवरी) के लिए है, न कि ड्रामा या नारेबाजी के लिए। उन्होंने कहा, ‘ड्रामा करने या नारेबाजी के लिए अन्य जगहों की कोई कमी नहीं है। संसद में, हमारा ध्यान नीति पर केंद्रित होना चाहिए और हमारा इरादा स्पष्ट होना चाहिए।’
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि, हाल के दिनों में, हमारी संसद का उपयोग या तो चुनावों के लिए ‘वॉर्म-अप ग्राउंड’ के रूप में किया जा रहा है
या फिर चुनावी हार के बाद निराशा निकालने की जगह के रूप में। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश ने इन तरीकों को स्वीकार नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे सत्र को राष्ट्रीय हित, रचनात्मक चर्चा और नीति-आधारित परिणामों पर केंद्रित रखें। प्रधानमंत्री मोदी की इन तीखी टिप्पणियों पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्रनाथ मोदी पर हमला करते हुए कहा कि संसद में जनहित के मुद्दों को उठाना कोई ‘नाटक’ नहीं है, बल्कि इन पर चर्चा की अनुमति न देना असली ‘नाटक’ है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। प्रियंका ने कहा, ‘विपक्ष की हर आवाज महत्वपूर्ण होती है। संसद ही वजह जगह है जहां हम जनता से जुड़े मुद्दों को उठा सकते हैं। विपक्ष भी जनता की आवाज है। इसलिए हमारी आवाज को ड्रामा नहीं कहा जा सकता है।’
• कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के असली मुद्दों को नजरअंदाज करते हुए फिर से ड्रामेबाजी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछले 11 वर्षों से संसदीय मर्यादा का उल्लंघन कर रही है और इस संदर्भ में कई घटनाएं हुई हैं। खरगे ने कहा कि भाजपा को अब इस ड्रामे को समाप्त कर संसद में वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
*कांग्रेस की सांसद और नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि विपक्ष को पीएम मोदी से सीखने की जरूरत नहीं है कि ड्रामा कैसे किया जाता है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “कपड़े बदलकर और कैमरे के एंगल बदलकर ड्रामा करना हमें नहीं आता। ऐसा लगता है कि विश्व गुरु अब मानसिक गुरु भी बन गए हैं।”
*राज्यसभा में आरजेडी के मनोज झा ने कहा कि पीएम मोदी खुद किस हताशा में हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “यदि पीएम यह कह रहे हैं कि विपक्ष हार की हताशा में है, तो वे स्वयं किस हताशा में हैं? क्या चुनाव लड़ने के दौरान कट्टा, भैंस और मुजरा जैसी बातें करना प्रधानमंत्री की गरिमा है?
