देहरादून 15 फरवरी 2022,
उत्तर प्रदेश: जमानत मिलने के बाद लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा लखीमपुर जेल से बाहर आ गए हैं। पिछले हफ्ते उन्हें इलाहाबद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ज़मानत दी थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में गत वर्ष अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने के आरोप में तीन माह से जेल में बंद थे
आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने ज़मानत की शर्तों की जानकारी देते हुए बताया कि, गवाहों पर दबाव न बनाने और सुबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त पर ज़मानत दी गई है। वकील ने बताया कि आशीष मिश्रा जेल से तिकुनिया वाले घर पर नहीं जाएंगे
लखीमपुर खीरी कांड की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। इसके बाद एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी बनाया गया। एसआईटी की ओर से कुल 16 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है. एसआईटी ने आरोपियों पर IPC की धाराएं 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई हैं
आशीष मिश्रा की ज़मानत अर्ज़ी को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच 10 फरवरी को मंज़ूर करते हुए उन्हें ज़मानत देने का आदेश सुनाया था। बीते रोज़ कोर्ट ने जमानत आदेश में सुधार किया। इससे आशीष की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया। कोर्ट के आदेश में कुछ धाराएं उल्लेख से छूट गई थीं, जिसके कारण आशीष की रिहाई अटक गई थी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।उन्होंने कहा कि कुख्यात लखीमपुर खीरी प्रकरण को पूरे देश और दुनिया ने देखा। जघन्य अपराध करने के बावजूद आशीष मिश्रा को तीन महीने के भीतर जमानत मिल जाती है। टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि हर कोई इसे देख रहा है।