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बालक-बालिकाओं को "भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार" से जोड़ा जाएगा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, - Separato Spot Witness Times
राज्य समाचार

बालक-बालिकाओं को “भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार” से जोड़ा जाएगा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,

Dehradun, 07 September 2025,

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के ऐतिहासिक घण्टाघर का जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण एवं स्वचालित प्रकाश व्यवस्था , महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीएस) के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्मित 4 अत्याधुनिक “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स” का भव्य शुभारंभ किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “घण्टाघर देहरादून की पहचान है। इसका यह नवीन एवं आकर्षक स्वरूप न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा। स्वचालित प्रकाश व्यवस्था से यह स्थल रात्रि में भी जीवंत रहेगा और शहर की नाइटलाइफ में भी नया रंग भरने का कार्य करेगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार की पहलें न केवल शहर के सौंदर्य को बढ़ाती हैं, बल्कि नागरिकों में स्वच्छता, संरक्षण और अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती है| लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर का पुनर्निर्माण कर इसे एक भव्य एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने घण्टाघर क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्मित 4 अत्याधुनिक “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स” के बारे में बताया कि, यह पहल महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने कहा कि जनपद देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीनों का भी लोकार्पण भी किया जा रहा है। जिला प्रशासन देहरादून द्वारा निर्मित ये कैंटीन कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थापित की गई हैं। ये कैंटीनें न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वस्तुएँ उपलब्ध करा रही हैं बल्कि स्वयं सहायता समूहों राज्य की महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बना रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए भी एक विशिष्ट प्रयास किया जा रहा है, जिसके माध्यम से बालक-बालिकाओं को “भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार” से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 3 रेस्क्यू वाहनों के साथ अंतरविभागीय टीम गठित की गई है।होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग और कई गैर-सरकारी संस्थाओं को इस टीम में सम्मिलित किया गया है।

ज्ञातव्य हो कि, देहरादून जिला प्रशासन की टीम द्वारा पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कराकर विभिन्न स्कूलों में डाला जा चुका है। दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया है। रेस्क्यू किए बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण कार्य हो रहा है।

 

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