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November 19, 2025

चीन ने विक्ट्री डे परेड में पहली बार न्यूक्लियर हथियारों का प्रदर्शन किया,

Delhi 03 Sept 2025

China victory parade: चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर बीजिंग के तियानमेन चौक पर विक्ट्री डे परेड धूमधाम से आयोजित किया। इस परेड में तीन शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्षों चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई के किम जोंग एक साथ मौजूद रहे। इनके अलावा मंच पर 25 देशों के शीर्ष नेता भी मौजूद रहे।

इन तीनों शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्षों की एक मंच पर मौजूदगी वैश्विक स्तर पर सामरिक दृष्टि से मजबूती को दर्शा रही है। इसके साथ ही व्यापारिक चुनौतियों का एक जुटता से सामना करने का संदेश भी दे रहे हैं।

शी जिनपिंग ने मंच से यह संदेश दिया कि चीन किसी के धमकियों से नहीं डरता है। चीन के इस विजय परेड में पहली बार न्यूक्लियर हथियारों का प्रदर्शन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल, जेएल-3 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल जैसे घातक हथियार शामिल थे। लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण चीन का डीएफ-5सी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल एक साथ 10 वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है। यानी, एक मिसाइल से चीन एक ही समय में 10 अलग-अलग ठिकानों पर हमला कर सकता है। DF-5C की गति ध्वनि की गति (Mach) से कई गुना अधिक है। अत्यधिक गति से प्रहार करने के कारण दुश्मन के पास इसे रोकने का लगभग कोई मौका नहीं होता। इसमें लगे हथियार परमाणु, पारंपरिक और डमी हो सकते हैं। यानी दुश्मन को असली और नकली का फ़र्क़ भी समझ नहीं आएगा। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) डीएफ़-61 और डीएफ़-5सी ट्रेंड कर रही हैं. साथ ही स्टील्थ फ़ाइटर जेट जे-20, 99बी टैंक और लेज़र हथियारों की नई टेक्नोलॉजी की भी काफ़ी चर्चा है‌

आज की विक्ट्री डे परेड में कुछ नई टुकड़ियां भी शामिल थीं, जिन्होंने पहली बार मार्च किया. इनमें ऐरोस्पेस फ़ोर्स, साइबरस्पेस फ़ोर्स और इन्फ़ॉर्मेशन सपोर्ट फ़ोर्स शामिल थीं।

परेड में हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल और जेएल-3 सबमरीन से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल डोंगफ़ेंग-61 भी दिखाई गई है। कई तरह की शॉर्ट और मिड-रेंज मिसाइलें, मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम और मानवरहित कॉम्बैट एरियल व्हीकल्स (जिन्हें स्टील्थ ड्रोन भी कहा जाता है) देखने को मिली। डोंगफ़ेंग-61 मिसाइल चीन के उत्तरी साइलो फ़ील्ड्स (ज़मीन के अंदर) से दागे जाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिनका इस्तेमाल अमेरिका के भीतरी इलाक़ों को निशाना बनाने में किया जा सकता है। थिंक-टैंक सेंटर फ़ॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ के अनुसार डोंगफ़ेंग-5 एक साइलो-आधारित मिसाइल है, जो पूरे अमेरिका और पश्चिमी यूरोप तक बड़े परमाणु हथियारों से हमला करने में सक्षम है.

डीएफ़-61 की ख़ासियत

डोंगफ़ेंग-61 को हाइपरसोनिकचीन के इस “विजय दिवस परेड” में पहली बार न्यूक्लियर हथियारों का प्रदर्शन किया, हथियार पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये रोड-बाउंड मिसाइल है।रोड-बाउंड मिसाइलें वे होती हैं जिन्हें सड़क मार्ग से ट्रकों पर लादकर एक स्थान से दूसरे पर ले जाया जा सकता है।ट्रांसपोर्ट-इरेक्टर-लॉन्चर (टीईएल) के साथ जोड़े जाने पर इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है। ज़रूरत पड़ने पर इनमें ईंधन भरकर तुरंत तैनात किया जा सकता है। इस मिसाइल को अलग-अलग स्थानों से भी दागा जा सकता है। इसका मतलब है कि दुश्मन इसके तैनात होने का सटीक अनुमान नहीं लगा पाता है। विक्ट्री डे परेड में ड्रोन रोबोटिक डॉग और ड्रोन जो नया सैन्य उपकरण दिखे। उनमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने वाला एचक्यू-19 हाई एल्टीट्यूड इंटरसेप्टर और अंडरवॉटर व्हीकल्स शामिल हैं। ड्रोन तकनीक भी बड़ी संख्या में मौजूद रही। इसमें टैंकों पर लगाए गए ड्रोन प्लेटफ़ॉर्म, एंटी-ड्रोन स्वॉर्म सिस्टम, ऑटोमेटेड ड्रोन और ‘रोबोटिक डॉग’ शामिल हैं। चार पैरों वाले रोबोटों की एक टुकड़ी ने सबका ध्यान खींचा। चीन की सेना में यह अपेक्षाकृत नया और आकर्षक हथियार माना जा रहा है। चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार ये मशीनें टोह लेने, रसद पहुँचाने और यहाँ तक कि दुश्मन पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं।सरकारी मीडिया का कहना है कि इनकी युद्धक क्षमता और मारक क्षमता बेहतर हुई है और ये कैमरों से लैस हैं ताकि लक्ष्यों पर और ज़्यादा सटीक हमले कर सकते हैं। पानी के अंदर चलने वाला मानवरहित ड्रोन एचएसयू 100 परेड में दिखाई दिया।एजेएक्स-002 एक्स्ट्रा लार्ज अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल्स (एक्सएलयूवीज़) को भी दिखाया गया। यह 18 मीटर लंबा एक विशाल अंडरवॉटर ड्रोन है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। ये विशालकाय पनडुब्बी जैसे ड्रोन 18 से 20 मीटर की गहराई तक पानी में जा सकते हैं। इन्हें दुश्मन की नौसेना या पनडुब्बियों पर हमले के दौरान कमांड-एंड-कंट्रोल और टोही मिशनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

नया लेज़र हथियार: बख़्तरबंद गाड़ी पर लदा ये चीन का नया लेज़र वेपन है।चीन के एक और बहुप्रतीक्षित हथियार को इस परेड में प्रदर्शित किया गया. इसका नाम है एलवाई-1 लेज़र वेपन है। इसे आठ पहियों वाले एचज़ेड-155 बख़्तरबंद ट्रक पर लगाया गया है। रक्षा विश्लेषक के अनुसार, यह लेज़र हथियार बेहद शक्तिशाली माना जा रहा है। इसकी ख़ासियत यह है कि यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चय कर सकता है या जला सकता है, यहाँ तक कि पायलटों को अंधा भी कर सकता है।चीन ने आज विशाल अंडरवॉटर टॉरपीडो से लेकर ऐसे अत्याधुनिक लेज़र हथियारों का प्रदर्शन किया जो ड्रोन को गिरा सकते हैं। विक्ट्री डे परेड में प्रदर्शित अत्याधुनिक हथियारों ने पश्चिम देशों की  चिंता बढ़ा दी है।

 

 

 

 

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