म्यांमार में स्थित उल्फा-आई के पूर्वी मुख्यालय पर हुआ ड्रोन हमला:19 कैडर मारे गए और 19 अन्य घायल,
Delhi , 13 July 2025,
भारत में प्रतिबंधित उग्रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) के म्यांमार में पूर्वी मुख्यालय पर आज रविवार को ड्रोन हमला हुआ है। उल्फा-आई ने इस ड्रोन हमले में भारतीय सेना का हाथ होने की आंशका जताई है। हालांकि भारतीय सेना ने प्रतिबंधित उग्रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट के मुख्यालय पर ड्रोन हमले करने से इनकार किया है। उधर म्यांमार ने भी उल्फा-आई पर हुए ड्रोन हमले के संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। प्रश्न उठता है की उल्फा-आई पर हुआ ड्रोन हमला किसने और क्यों किया?
प्रतिबंधित उल्फा-आई ने रविवार को दावा किया कि म्यांमार में उसके पूर्वी मुख्यालय को भारतीय सेना ने तड़के ड्रोन से निशाना बनाया। प्रतिबंधित संगठन ने एक प्रेस बयान में दावा किया कि सीमा पार से किए गए इन हमलों में उनके 19 कैडर मारे गए और 19 अन्य घायल हो गए। रिपोर्टों से पता चलता है कि हमले में वरिष्ठ उल्फा (आई) कमांडर नयन मेधी मारा गया। साथ ही कैंप में मौजूद मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) सहित मणिपुरी विद्रोही समूहों के कुछ कैडर भी मारे गए और कुछ घायल हो गए। संगठन ने दावा किया कि हमले में इस्तेमाल किए गए करीब 150 से ज़्यादा ड्रोन इज़रायल और फ्रांस में निर्मित थे।
भारतीय सेना ने किया दावों का खंडन:एक आधिकारिक बयान में, भारतीय सेना ने इन दावों का खंडन किया है। गुवाहाटी के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि भारतीय सेना के पास ऐसे किसी ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं है। परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उल्फा (आई) का अब केवल एक वरिष्ठ पदाधिकारी, अरुणोदय दोहोतिया, बचा है, जो म्यांमार में है। म्यांमार के शिविरों से सक्रिय उल्फा (आई) के एक अन्य वरिष्ठ कमांडर, रूपोम असोम को असम पुलिस ने मई में गिरफ्तार किया था।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य पुलिस इस ऑपरेशन में शामिल नहीं है और भारत की ओर से कोई हमला नहीं किया गया।
