December 22, 2025

वित्त विधेयक-2025 लोकसभा में 35 सरकारी संशोधनों से पास, अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

दिल्ली , वित्त विधेयक-2025 लोकसभा में 35 सरकारी संशोधनों से पास हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में संशोधित विधेयक पेश किया। जिसमें कई महत्वपूर्ण बजट प्रस्तावों को मंजूरी देने की मांग की गई। लोकसभा में पारित होने के बाद अब वित्त विधेयक 2025 को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा।

*संशोधनों में एक बड़ा बदलाव ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल टैक्स हटाने का है। इससे डिजिटल मार्केटिंग, विज्ञापन एजेंसियों और ऑनलाइन कारोबार को राहत मिलेगी।

*टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया।

जीएसटी से जुड़े कुछ नियमों को सरल किया गया।

घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लागू की गईं।

* इनकम टैक्स बिल संसद के अगले सत्र यानी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में दी। यह प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल बनाएगा, अस्पष्टताएं दूर करेगा और कर विवादों को कम करेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि, सरलीकरण की प्रक्रिया तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें स्पष्टता के लिए पाठ्य और संरचनात्मक सरलीकरण, निश्चितता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कर नीति में कोई भी बदलाव नहीं और करदाताओं के लिए पूर्वानुमान को बनाए रखने के लिए कर दरों में कोई संशोधन नहीं शामिल हैं।

ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस पर आधारित, इस बिल का उद्देश्य कर नियमों में स्पष्टता प्रदान करके व्यापार में आसानी लाना है।

‌ सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। जो मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 फीसदी की ग्रोथ है।

*11.22 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का प्रस्‍ताव

आगामी वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है, जिसमें 15.48 लाख करोड़ रुपये का प्रभावी पूंजीगत व्यय शामिल है।

*बजट में 42.70 लाख करोड़ रुपये के सकल टैक्‍स राजस्व संग्रह का अनुमान लगाया गया है और 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का अनुमान है।

*केंद्र प्रायोजित योजनाओं के महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है। इसमें नए वित्तीय वर्ष 2025-26 लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।

*वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत घाटे से कम है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद 3,56,97,923 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है।

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