Delhi , 17 JUN 2025
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, श्रम कल्याण महानिदेशालय (डीजीएलडब्ल्यू) के माध्यम से भारत में असंगठित श्रमिकों, विशेष रूप से बीड़ी, फिल्म क्षेत्रों और खनन श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं। यह योजनाएं सरकार की समावेशी और करुणा से प्रेरित श्रम कल्याण रणनीति की आधारशिला हैं। इनसे 50 लाख से अधिक श्रमिक और उनके परिवार को लाभान्वित किया गया है।
श्रम कल्याण संगठन (एलडब्ल्यूओ) 18 कल्याण आयुक्तों के माध्यम से पूरे देश में इन योजनाओं का संचालन होता है, जो क्षेत्रीय स्तर पर कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य अक्सर दूरदराज और हाशिए के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता और आवास के लिए सहायता प्रदान करना है।कल्याणकारी योजनाओं में से एक शिक्षा सहायता योजना है, जो बीड़ी, फिल्म क्षेत्रों और गैर-कोयला खदान श्रमिकों के बच्चों के लिए एक हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाने वाली इस योजना में हर साल एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, जिनका डीबीटी द्वारा भुगतान किया जाता है।
स्वास्थ्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सहायता में डिस्पेंसरियों के राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से बाह्य रोगी सेवाएं, साथ ही हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण, कैंसर, टीबी और छोटी सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए विशेष उपचार के खर्च शामिल हैं। बतौर आर्थिक सहायता छोटी सर्जरी के लिए 30 हजार रुपये से लेकर कैंसर के इलाज के लिए 7.5 लाख रुपये तक दिए जाते है, जिससे कम आय वाले श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित होती है।
यद्यपि 2016 में शुरू की गई संशोधित एकीकृत आवास योजना (आरआईएचएस) को समाप्त कर अब इसे प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के साथ मिला दिया गया है। फिर भी मंत्रालय सभी के लिए आवास सम्मान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए 31 मार्च 2024 तक के लाभार्थियों को लंबित किश्तों के भुगतान की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।