Delhi, 11 August 2025,
बिहार मतदाता सूची के गहन पुननिरीक्षण एवं वोट चोरी के मुद्दे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सांसदों का संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च का आह्वान था । संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया। चुनाव चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर कूच किया। पुलिस ने उनका मार्च रोकने के लिए संसद मार्ग पर पीटीआई बिल्डिंग के सामने बैरिकेड लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने विपक्षी सांसदों के मार्च को रोक दिया और हवाला दिया कि यहां से आगे जाने की अनुमति नहीं है। पुलिस द्वारा रोके जाने पर विपक्षी सांसद सड़क पर ही बैठ गए और ”वोट चोरी बंद करो”, ”तानाशाही नहीं चलेगी”, ”मोदी सरकार हाय-हाय” जैसे नारे लगाने लगे।कई विपक्षी सांसद बैरिकेड पर चढ़ गए। दिल्ली पुलिस ने विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं को संसद मार्ग थाने ले जाया गया, जहां पुलिस ने बाद में उन्हें छोड़ दिया।
मार्च के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, हिंदुस्तान में लोकतंत्र की हालत देखिए। 300 सांसद चुनाव आयोग से मिलना चाहते हैं, लेकिन चुनाव आयोग कहता है, आप मिलने नहीं आ सकते हैं। क्योंकि चुनाव आयोग सच्चाई से डरता है। अब ये राजनीतिक लड़ाई नहीं है, ये देश की आत्मा को बचाने की लड़ाई है। संविधान को बचाने की लड़ाई है। संविधान के हिसाब से एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है। देश के युवाओं को ये सच्चाई पता चल गई है। अब चुनाव आयोग का छिपना मुश्किल है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा शपथ पत्र मांगने का जिक्र करते हुए बताया, यह चुनाव आयोग का डेटा है। यह मेरा डेटा नहीं है, जिसके लिए मैं हलफनामे पर दस्तखत करूंगा। चुनाव आयोग डेटा उठाए और उसे अपनी वेबसाइट पर डाले, फिर उसे खुद पता चल जाएगा। यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। ऐसा सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं हुआ, बल्कि कई कांस्टीट्यूएंसीज में भी हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान देते हुए कहा कि चुनाव आयोग दफ्तर तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है।खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी। ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है। यह लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष है। ‘इंडिया’ गठबंधन के साथी संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली इस भाजपाई साज़िश को बेनक़ाब करके ही रहेंगे।”
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि संसद के सामने संसद की हत्या हो रही है। हमें रोक दिया गया, हम मिलकर दस्तावेज पेश करना चाहते थे। चुनाव आयोग ने कहा, 30 सांसद मिल सकते है।
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें बुलाया लेकिन रोक दिया। हम चुनाव आयोग से मिलना चाहते हैं। डिंपल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग आंख मूंदकर बैठा है। वोटों की डकैती हो रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डरे हुए हैं। जनता के अधिकार छीन रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में राकांपा(शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने भी हिस्सा लिया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और सागरिका घोष, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर खड़ी हो गईं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी मार्च का हिस्सा बने। आप ने हाल में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी।
दिल्ली पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि, विपक्षी सांसदों का मार्च बिना अनुमति का था। दूसरी बात, चुनाव आयोग ने उन्हें बताया था कि 30 सदस्य चर्चा के लिए आ सकते थे। उन्हें दोपहर 12 बजे का समय भी दिया था। इसलिए, कानून-व्यवस्था के कारणों से, 200 से ज़्यादा सांसदों उनके कुछ राजनीतिक नेतृत्व को कानून के अनुसार हिरासत में लिया गया, उन्हें दोपहर 2 बजे के आसपास रिहा कर दिया गया।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोग दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संविधान विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के नेता बन गए हैं।