बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं के बैंक खातों में दस हजार रुपये जमा किए जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार ने चुनाव आयोग पर उठाया सवाल
Maharashtra, 16 November 2025,
बिहार विधानसभा चुनाव-2025के दौरान महिलाओं के बैंक खातों में दस हजार रुपये जमा किए जाने वाली योजना पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने सवाल उठाया है । शरद पवार ने कहा कि चुनाव के दौरान महिलाओं को पैसों का ट्रांसफर कीअनुमति आखिर निर्वाचन आयोग ने क्यों दी? पवार का मानना है, इस योजना ने महिलाओं के बीच बड़ा जनसमर्थन पैदा किया, जिसने एनडीए की जीत को निर्णायक रूप से प्रभावित किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों ने सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को आश्चर्यजनक जीथ मिली, वहीं विपक्षी दलों में इस जीत को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पावर गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पवार ने मीडिया को बारामती में कहा कि महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना ने बिहार में एनडीए के पक्ष में निर्णायक माहौल बनाया और आश्चर्य जताया कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव के बीच आदर्श आचार संहिता को दरकिनार करते हुए इस योजना के तहत पैसों का ट्रांसफर की अनुमति क्यों और कैसे दी?
पवार ने कहा कि बिहार में भाजपा और जद(यू) मुख्यमंत्री पद को लेकर मिलकर फैसला करेंगी और नतीजे ठीक उसी दिशा में आए हैं, जैसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से कहते आए थे। उनके मुताबिक, महिलाओं के बैंक खातों में दस हजार रुपये जमा किए जाने वाली योजना ने चुनावी मैदान पूरी तरह बदल दिया और इसने व्यापक महिला समर्थन का माहौल तैयार कर दिया। पवार जिस योजना का जिक्र कर रहे थे, वह है “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना”, जिसके तहत हर परिवार की एक महिला को उद्यम स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
शरद पवार ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इतना बड़ा पैसों का ट्रांसफर चुनाव प्रक्रिया के बीच होने दिया गया? उन्होंने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि आयोग को यह सोचना चाहिए कि चुनाव के दौरान सरकारी योजना का सीधा फायदा बांटना क्या उचित था?चुनाव के दौरान सरकारी खजाने से पैसों का ट्रांसफर जनता के मत को प्रभावित करता है और यह प्रक्रिया की निष्पक्षता पर असर डाल सकता है। पवार ने आशंका जताई कि यदि बिहार जैसा मॉडल सफल माना गया, तो आगामी चुनावों में भी विभिन्न राज्य सरकारें इसका अनुसरण कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी “लाड़की बहिण योजना” के तहत महिलाओं के खातों में आधिकारिक तौर पर राशि जमा कराई गई थी। पवार ने कहा कि इससे जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास कमजोर होगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचेगा।
