Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले खड़ी हुई नई मुसीबत, वन आरक्षी संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी - Separato Spot Witness Times
राज्य समाचार

फॉरेस्ट फायर सीजन से पहले खड़ी हुई नई मुसीबत, वन आरक्षी संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखंड वन विभाग में फायर सीजन से पहले ही नई मुसीबत खड़ी हो गई है. वन आरक्षी संघ ने सीजन शुरू होते ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. इसके लिए अपनी मांगों को लेकर वन आरक्षी चरणबद्ध विरोध की शुरुआत कर चुके हैं. जल्द ही मांगे पूरी न होने पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.उत्तराखंड वन विभाग इनदिनों फॉरेस्ट फायर की तैयारी में जुटा हुआ है. एक तरफ विभाग आम लोगों की सहभागिता को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ वन विभाग के ही कर्मी अपनी मांगों पर बड़ा आंदोलन छेड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. स्थिति यह है कि वन बीट अधिकारी वन आरक्षी संघ चरणबद्ध तरीके से अपने विरोध दर्ज करवा रहे हैं.

वन आरक्षी संघ की मांगे काफी पुरानी हैं. इन पर कोई फैसला नहीं होने के चलते अब वन आरक्षियों ने विरोध का मन बनाया है. वन आरक्षी संघ की मांग है कि उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को दोबारा लागू किया जाए. इसके अलावा वन आरक्षियों की पदोन्नति समय पर की जाए ताकि वन कर्मियो को वित्तीय और मासिक नुकसान से बचाया जा सके. इसके अलावा वर्दी नियम संशोधन कर वन आरक्षी को एक स्टार लगाने की अनुमति देते हुए इस पर जरूरी आदेश जारी किया जाये.

वन आरक्षी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सचिन सिरोड़ी ने बताया- वन आरक्षी 6 फरवरी से अपना आंदोलन शुरू कर चुके हैं. अब इसे चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है. कर्मी 15 फरवरी तक इस आंदोलन को धरना प्रदर्शन और काली पट्टी बांधकर आगे बढ़ाएंगे. इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर कोई बड़ा फैसला लेने को मजबूर होना पड़ेगा.

वन आरक्षी संघ का आंदोलन इसलिए खास है क्योंकि आंदोलन ऐसे समय पर शुरू होने जा रहा है जब प्रदेश में फायर सीजन की शुरुआत हो रही है. दरअसल फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू होकर 15 जून तक चलता है. ऐसे में 15 फरवरी के बाद वन कर्मियों का बड़ा आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी देना वन विभाग के लिए बड़ी चिंता का विषय है. राज्य में फील्ड स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वन आरक्षी की ही होती है. वन क्षेत्र में गश्त करने से लेकर फील्ड में वन संरक्षण से जुड़े कार्यों के लिए सबसे पहले यही कर्मी मौके पर पहुंचते हैं. जाहिर है कि इन कर्मियों के आंदोलन की चेतावनी पूरे विभाग के सिस्टम को चरमरा सकती है. लिहाजा फायर सीजन से पहले इनके आंदोलन पर गंभीरता से विचार करना विभाग के लिए अहम हो गया है.

 

Related posts

अवैध सर्प विष संग्रहण केंद्र पर छापा, 86 सांप कब्जे में लिए, 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर मिले

Dharmpal Singh Rawat

अदालतों में अब और तारीख नहीं नहीं चलेगी…पहले हाजिर करो मुल्जिम फिर चलेगा मुकदमा

Dharmpal Singh Rawat

प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा के बाद धामी मंत्रिमंडल में इसी महीने हो सकता है विस्तार।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment