Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
50 वर्ष पूर्व लगे आपातकाल और संविधान प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस भिड़े, - Separato Spot Witness Times
राजनीतिक राष्ट्रीय समाचार

50 वर्ष पूर्व लगे आपातकाल और संविधान प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस भिड़े,

Delhi , 27 Jun 2025,

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में दो शब्दों समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष को हटाया जाना चाहिए। महासचिव दत्तात्रेय ने स्पष्ट किया, संविधान की मूल प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘सेक्युलर’ शब्द नहीं थे। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा हो गई है। विपक्ष इसे संविधान की आत्मा के साथ छेड़छाड़ की कोशिश मान रहा है।

1975 से 1977 के दौरान लगाए गए घोषित आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित “संविधान हत्या दिवस” के कार्यक्रम में होसबोले ने कहा कि तत्कालीन आपातकाल के दौरान संविधान में दो शब्द धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी जोड़े गए थे। जो मूल प्रस्तावना का हिस्सा नहीं थे। इन शब्दों को बाद में हटाया नहीं गया। होसबोले ने सवाल उठाया कि, इन दोनों शब्दों को संविधान की प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं? इस पर बहस होनी चाहिए।

उन्होंने कहा:”जब आपातकाल के दौरान संसद निष्क्रिय थी, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था और न्यायपालिका पंगु हो चुकी थी, उस वक्त संविधान में ये शब्द जोड़े गए। क्या समाजवाद भारत की शाश्वत विचारधारा है? इस पर विचार होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा’धर्मनिरपेक्षता हमारी संस्कृति का मूल नहीं है। संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटा देना चाहिए।’

आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में कार्यक्रम , समारोह और जन सभाएं आयोजित कर “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया। इन सभी आयोजनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी केन्द्रीय और राज्य स्तरीय नेताओं ने तत्कालीन आपातकाल को लेकर कांग्रेस हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 1975 में लगाए गए आपातकाल की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। पारित प्रस्ताव पारित में लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के मूल्यों को दोहराया गया।

जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच नया मोर्चा खोल खुल गया है। दोनों दल एक दूसरे पर हमलावर हो गए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिन लोगों ने कभी स्वतंत्रता संग्राम या संविधान निर्माण में योगदान नहीं दिया, वे अब इसका बचाव करने का दावा कर रहे हैं।अध्यक्ष खड़गे ने कहा , कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए गए ‘संविधान बचाओ यात्रा’ से भाजपा घबरा गई है। इसलिए वो 50 साल पुराने आपातकाल की बात कर रही है। इनके पास महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का जवाब नहीं है। जनता से अभिव्यक्ति का अधिकार भी छीन लिया गया है। देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। ये लोग अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए नाटक कर रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा, आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को स्वीकार नहीं किया। 30 नवंबर 1949 के बाद से उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर, पं. जवाहरलाल नेहरू और संविधान निर्माताओं पर हमला किया है। आरएसएस के मुताबिक, यह संविधान ‘मनुस्मृति’ से प्रेरित नहीं था। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि, संविधान को लेकर चलाया गया यह पूरा अभियान भाजपा और आरएसएस के एजेंडे का हिस्सा है। जिसके तहत वे एक नया संविधान बनाना चाहते हैं। उन्होंने लिखा कि , भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जारी किए घोषणा पत्र में एक “नया संविधान” लाने की बात कही गई थी। लेकिन देश की जनता ने इसे खारिज कर दिया।

कांग्रेस महासचिव रमेश ने भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा 25 नवंबर 2024 को दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा, कि “सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि संविधान की प्रस्तावना में शामिल शब्द ‘समाजवादी’ और ‘ धर्मनिरपेक्ष ‘ भारत के लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का हिस्सा हैं। बतौर साक्ष्य उन्होंने कोर्ट के फैसले की एक प्रति भी सोशल मीडिया पर साझा की है।

 

 

 

Related posts

आरबीआई के पूर्व गवर्नर, शक्तिकांत दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त।

Dharmpal Singh Rawat

प्रधानमंत्री ने 1975 के आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला: कांग्रेस ने व्यक्त की कड़ी प्रतिक्रिया। 

Dharmpal Singh Rawat

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के 3 वर्ष:गतिशक्ति के कारण भारत विकसित भारत के सपने को पूरा करेगा।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment