October 31, 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तो स्वयं तो पर्पस ऑफ लाइफ में एक दिशा देता है। देश ही सबकुछ है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,

दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रसिद्ध एमआईटी वैज्ञानिक और एआई शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक पॉडकास्ट आज 16 मार्च को रिलीज हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला इंटरनेशनल पॉडकास्ट है। लेक्स फ्रिडमैन ने तीन घंटे के लंबे अपने पॉडकास्ट के दौरान प्रधानमंत्री से कई विषयों पर सवाल पूछे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हिमालय में गुजारे कई सालों और सार्वजनिक जीवन की यात्रा समेत अलग-अलग विषयों से जुड़े सवालों का जवाब दिया।

लेक्स फ्रिडमैन के प्रश्न आप आठ साल के थे, और आरएसएस में शामिल हुए, के उत्तर में उन्होंने कहा कि संघ एक बहुत बड़ा संगठन है. अब उसका 100 वां वर्ष है। दुनिया में इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन होगा। मैंने नहीं सुना है। करोड़ों लोग उसके साथ जुड़े हैं। संघ को समझना इतना सरल नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ तो स्वयं तो पर्पस ऑफ लाइफ में एक दिशा देता है। देश ही सबकुछ है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है। जो ग्रंथों ने कहा गया, जो स्वामी विवेकानंद ने कहा, वही संघ कहता है।

उन्होंने कहा कि कुछ स्वयंसेवकों ने सेवा भारती नामक संगठन खड़ा किया है। यह सेवा भारती, करीब सवा लाख सेवा प्रकल्प चलाते हैं। जो किसी सरकार के मदद के बिना, समाज की मदद से समय देना, बच्चों को पढ़ाना. संस्कारों के अंदर लाना, स्वच्छता का काम करना है। संघ वनवासी कल्याण आश्रम चलाते हैं। वे जंगलों में रहकर आदिवासियों की सेवा करते हैं। 70 हजार से एकल स्कूल चलाते हैं। अमेरिका में कुछ लोग हैं। 10 डॉलर से 15 डॉलर दान देते हैं। एक कोका कोला नहीं पिओ और उतना पैसा एकल विद्यालय को दो।

कुछ स्वयंसेवकों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती संगठन बनाया। जिनके करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं। 30 लाख से छात्र एक बार में। करोड़ों विद्यार्थियों को बहुत कम कीमत में पढ़ाई। जमीन से जुड़े लोग, हुनर सीखे. जीवन के हर क्षेत्र में वे महिला, युवा, मजदूर हो, सभी से जुड़े हैं.

लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से उपवास के बारे में पूछा। जिसपर श्री मोदी ने उपवास के अपने अनुभव के साथ-साथ इसकी प्रक्रिया और फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी।हमारे शास्त्रों में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा, मनुष्यत्व को किस प्रकार से ऊंचाई पर ले जाएं? उसके बारे में चर्चा भी है और रास्ता भी बताया गया है। उसमें एक उपवास भी है। उपवास जीवन को गढ़ने में काम आता है. उपवास के बाद आपकी जितनी इन्द्रियां हैं, वे जागरूक हो जाती हैं। श्री मोदी ने कहा, “भारत में जो धार्मिक परंपराएं हैं, वो दरअसल जीवनशैली है। हमारी सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू धर्म की बहुत बढ़िया व्याख्या की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म कोई पूजा-पद्धति का नाम नहीं है। यह ‘वे ऑफ लाइफ’ है। जीवन जीने की पद्धति है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पॉडकास्ट में पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों को लेकर भी खासतौर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को निमंत्रित किये जाने पर चर्चा की गई।

 

 

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