दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (एसओयूएल) लीडरशिप कॉन्क्लेव 2025 में कहा, “राष्ट्र निर्माण के लिए बेहतर नागरिकों का विकास आवश्यक है, प्रत्येक क्षेत्र में अच्छे नेताओं का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा, स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप विकसित भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। एसओयूएल भारत के सामाजिक जीवन की आत्मा होगी। श्री मोदी ने घोषणा की कि निकट भविष्य में गुजरात की गिफ्ट सिटी के निकट एसओयूएल का एक नया, विशाल परिसर बनकर तैयार हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (एसओयूएल) लीडरशिप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया। 21 से 22 फरवरी तक चलने वाला दो दिवसीय एसओयूएल लीडरशिप कॉन्क्लेव प्रमुख मंच के रूप में काम करेगा। कार्यक्रम में राजनीति, खेल, कला और मीडिया, आध्यात्मिक दुनिया, सार्वजनिक नीति, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र जैसे विविध क्षेत्रों के नेता अपनी प्रेरक जीवन यात्राएं साझा करेंगे और नेतृत्व से सम्बंधित पहलुओं पर चर्चा करेंगे। कॉन्क्लेव सहयोग और विचार नेतृत्व के एक इको-सिस्टम को बढ़ावा देगा, जिससे युवा दर्शकों को प्रेरित करने के लिए विफलताओं और सफलताओं दोनों से सीखने का मौका मिलेगा।
स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि दूरदर्शी नेता हमेशा भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करना चाहते थे और केवल 100 प्रभावी और कुशल नेताओं की मदद से इसे बदलना चाहते थे। उन्होंने कहा कि देश को उसी जोश के साथ आगे बढ़ना होगा। यह देखते हुए कि प्रत्येक नागरिक 21वीं सदी के विकसित भारत के सपनों को सच करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है, श्री मोदी ने 140 करोड़ की आबादी वाले देश में सभी क्षेत्रों में अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता किया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।” उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में गति को बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय नेताओं और अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व की आवश्यकता है। एसओयूएल जैसे नेतृत्व संस्थानों की परिवर्तनकारी बदलाव लाने की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय संस्थान न केवल एक विकल्प हैं, बल्कि आवश्यकता भी हैं।
विकसित भारत के निर्माण के लिए सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की आवश्यकता को दोहराते हुए, श्री मोदी ने शास्त्रों का उदाहरण देते हुए बल दिया कि लोग महान व्यक्तियों के आचरण का अनुसरण करते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसओयूएल का उद्देश्य एक विकसित भारत के निर्माण के लिए आवश्यक शक्ति और भावना का संचार करना होना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक बार मजबूत नेतृत्व स्थापित हो जाने के बाद आवश्यक परिवर्तन और सुधार स्वाभाविक रूप से होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “साझा उद्देश्य टीम भावना की अभूतपूर्व भावना को बढ़ावा देता है।” उन्होंने कहा कि जब लोग साझा उद्देश्य के साथ सह-यात्री के रूप में साथ-साथ चलते हैं, तो एक मजबूत बंधन विकसित होता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीम निर्माण की यह प्रक्रिया नेतृत्व को भी जन्म देती है। उन्होंने साझा उद्देश्य के सर्वोत्तम उदाहरण के रूप में भारत के स्वतंत्रता संग्राम का उदाहरण दिया, और कहा कि उस दौरान न केवल राजनीति में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी नेताओं का जन्म हुआ। श्री मोदी ने स्वतंत्रता आंदोलन की भावना को पुनर्जीवित करने और आगे बढ़ने के लिए इससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे, एसओयूएल बोर्ड के अध्यक्ष सुधीर मेहता और उपाध्यक्ष हसमुख अधिया अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ में उपस्थित थे।