December 7, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब ₹42 हजार करोड़ की पीएम धन धान्य कृषि योजना और ₹ 11.44 हजार करोड़ के दलहन उत्पादकता मिशन योजनाओं का किया शुभारंभ, 

Delhi , 11 October 2025,

दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 42000 करोड़ रुपये वाली पीएम धन धान्य कृषि योजना और 11,440 करोड़ के दलहन उत्पादकता मिशन की योजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर इन योजनाओं की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, अन्य महानुभाव और देशभर के किसानों ने वर्चुअली जुड़कर प्रधानमंत्री मोदी से संवाद किया।

प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में, बीज से लेकर बाजार तक किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कहा, बीते 11 वर्षों में, भारत का कृषि निर्यात करीब-करीब दो गुणा हो गया, अनाज उत्पादन पहले के मुकाबले करीब-करीब 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया, फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया। आज दूध उत्पादन में हम दुनिया में नंबर वन हैं, भारत दुनिया का दूसरा बड़ा फिश प्रोड्यूसर है, भारत में शहद उत्पादन भी 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है, अंडे का उत्पादन भी बीते 11 वर्षों में डबल हो गया है। इस दौरान देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं। 25 करोड़ से ज़्यादा साॅयल हेल्थ कार्डस किसानों को मिले हैं, 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है, पीएम फसल बीमा योजना से करीब दो लाख करोड़ रुपए, ये आंकड़ा छोटा नहीं है, दो लाख करोड़ रुपये क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं। बीते 11 साल में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ- एफपीओ भी बने हैं। सत्रह हज़ार से अधिक ऐसे क्ल्स्टर बनाए गए हैं, जो जरूरी मदद देते हैं। करीब 70 हज़ार कृषि सखियां, प्राकृतिक खेती को लेकर ज़रूरी मार्गदर्शन किसानों को देने के लिए तैयार हैं।

हम सरकार की छत्तीस योजनाओं को एक साथ जोड़ रहे हैं। जैसे प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन है, सिंचाई के लिए पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान है, तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए तिलहन मिशन है, ऐसी अनेक योजनाओं को एक साथ लाया जा रहा है। पीएम धन-धान्य कृषि योजना में हमारे पशुधन पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। खुरपका -मुंहपका जैसी बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए गए हैं। । पीएम धन-धान्य कृषि योजना में स्थानीय स्तर पर पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़े अभियान भी चलाए जाएंगे। जहां खेती संभव नहीं, वहां पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देना होगा। कुछ क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन एक बेहतर विकल्प होगा। तटीय इलाकों में सीवीड फार्मिंग एक शानदार विकल्प हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि, बीते 11 वर्षों से सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि किसान सशक्त हो, खेती पर ज्यादा निवेश हो। हमारी ये प्राथमिकता खेती के बजट में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में खेती का बजट करीब छह गुणा बढ़ गया है। इस बढ़े हुए बजट का सबसे अधिक फायदा हमारे छोटे किसानों को हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस सरकार ने अपने 10 साल में खाद पर 5 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी। हमारी सरकार ने, भाजपा-एनडीए की सरकार ने पिछले 10 साल में खाद पर 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की सब्सिडी दी है।कांग्रेस सरकार, एक साल में खेती पर जितना खर्च करती थी, एक साल में खेती पर जो खर्च होता था, उतना तो हमारी सरकार, एक बार में पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों के बैंक खाते में जमा कर देते हैं। अब तक 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए सीधे पीएम किसान सम्मान निधि के बैंक खातों में भेजे जा चुके हैं।

श्री मोदी ने कहा जीएसटी में नया सुधार हुआ है। एक ट्रैक्टर पर कांग्रेस की सरकार सत्तर हज़ार रुपए का टैक्स लेती थी। वहीं जीएसटी में नए सुधार के बाद वही ट्रैक्टर में सीधे करीब चालीस हज़ार रुपए सस्ता हो गया है। किसानों के उपयोग की बाकी मशीनों पर भी जीएसटी बहुत कम किया गया है। जैसे धान रोपने की मशीन है, उस पर अब पंद्रह हज़ार रुपए की बचत होगी। इसी तरह पावर टिलर पर दस हजार रुपए की बचत पक्की हो गई है, थ्रैशर पर भी आपको पच्चीस हजार रुपए तक की बचत होगी। टपक सिंचाई, फव्वारा सिंचाई से जुड़े उपकरण हों, कटाई मशीन हो, सभी पर जीएसटी में भारी कमी की गई है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि, किसानों ने आज़ादी के बाद भारत को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। अब विकसित भारत बनाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका है। एक तरफ हमें आत्मनिर्भर होना ही है। दूसरी तरफ हमें, वैश्विक बाज़ार के लिए भी उत्पादन करना है। अब हमें दुनिया के दरवाजों पर दस्तक देनी है दोस्तों। हमें ऐसी फसलों पर भी बल देना है जो दुनिया की मंडियों में छा जाएं। हमें आयात कम करके ही रहना है और निर्यात बढ़ाने में कोई पीछे नहीं रहना है। पीएम धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, ये दोनों इसमें बड़ी भूमिका निभाएंगे।

 

 

 

 

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