Delhi, 29 AUG 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “इंडिया-जापान इकोनामिक फोरम” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत की विकास यात्रा में, जापान हमेशा एक अहम पार्टनर रहा है। मेट्रो से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक, सेमीकंडक्टर्स से लेकर स्टार्ट-अप तक, हर क्षेत्र में हमारी साझेदारी,आपसी विश्वास का प्रतीक बनी है। प्रधानमंत्री ने कहा जापानी कंपनियों ने भारत में 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। मात्र, पिछले दो वर्षों में 13 बिलियन डॉलर का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट हुआ है। जेबीआइसी कहता है कि भारत सबसे प्रोमाइजिंग डेस्टिनेशन है। जेट्रो बताता है कि 80 फीसदी कंपनियाँ भारत में विस्तार करना चाहती हैं। जो वर्तमान में 75 फीसदी मुनाफ़े में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले ग्यारह वर्षों में भारत के अभूतपूर्व ट्रांसफॉर्मेशन से आप सब भली भांति परिचित हैं। आज भारत में राजनीतिक स्टेबिलिटी है। इकनॉमिक स्टेबिलिटी है। पॉलिसी में पारदर्शिता है, प्रीडिक्ट-अबिलिटी है। आज भारत विश्व की सबसे तेज गषबंबं सब ग्रो करने वाली इकॉनमी है। और, बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने जा रहा है। वैश्विक ग्रोथ में भारत 18 फीसदी योगदान दे रहा है। भारत की कैपिटल मार्केट में अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं। एक मजबूत बैंकिंग सेक्टर भीम है। लो इन्फ्लेशन और, लो इंटरेस्ट रेट करीब 700 बिलियन डॉलर के फोरेक्स रिजर्व हैं। इस बदलाव के पीछे हमारी- रिफार्म पर्फाम और ट्रांसफार्म की अप्रोच है। इन रिफॉर्म्स के पीछे हमारा विकसित भारत बनाने का संकल्प है। हमारा कमिटमेंट है, कन्विक्शन है,और स्ट्रैटिजी है।
प्रधानमंत्री ने उधमियों से आह्वान किया कि, मैं आप सबसे आग्रह करता हूँ, ‘कम, मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड’। ‘सुज़ुकी’ और ‘डाइकिन’ की सक्सेस स्टोरीज, आपकी भी सक्सेस स्टोरीज बन सकती हैं।
श्री मोदी ने बताया कि ग्रीन एनर्जी ट्रांजिक्शन में भारत तेजी से 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूवेबल इनर्जी के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। हमने 2047 तक 100 गीगावाट न्यूक्लियर पावर का भी लक्ष्य रखा है। सोलर सैल हो या फिर ग्रीन हाइड्रोजन, साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि, भारत और जापान की साझेदारी रणनीतिक और स्मार्ट है। आर्थिक तर्क से प्रेरित होकर, हमने साझा हितों को साझा समृद्धि में बदल दिया है।भारत जापानी व्यवसायों के लिए वैश्विक दक्षिण में एक स्प्रिंगबोर्ड है। हम सब मिलकर एशियाई सदी को स्थिरता, विकास और समृद्धि की ओर ले जाएँगे।
अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत के टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत किसी वस्तु के आयात व निर्यात के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहकर अब पूरी दुनिया में व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाएगा। इस दिशा में वाणिज्य मंत्रालय युद्ध स्तर पर काम कर रहा है ताकि सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भारतीय निर्यात को बढ़ाया जा सके। किसी वस्तु के आयात के लिए भी किसी एक देश पर निर्भरता नहीं रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी उद्देश्य से जापान पहुंचे हैं। यहां उन्होंने “इंडिया-जापान इकोनामिक फोरम” के कार्यक्रम में जापान की उद्यमियों को भारत में आने का निमंत्रण दिया है। जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध सुदृढ़ हो सकें।