देहरादून 06 जुलाई 2023,
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा है कि बहुत ही कम समय में 140 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं। समय के साथ, भारत ने मजबूत स्थिति हासिल कर ली है और अब पूरा विश्व अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमताओ को स्वीकार करने लगा है।
आज यहां बेंगलुरु में स्पेस इकोनॉमी लीडर्स मीटिंग एसईएलएम के जी-20 चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। जिन्होंने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी वर्ग के लिए खोल दिया, जिससे पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारी उछाल आया है। उन्होंने कहा कि भले ही भारत ने कुछ अन्य देशों की तुलना में कई साल बाद अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की, फिर भी यह भारत ही है जो विश्व की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों के लाभ के लिए महत्वपूर्ण संकेत और इनपुट प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान अंतरिक्ष संबंधी समझौते एजेंडे का प्रमुख घटक थे और यह तथ्य इस बात का संकेत है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अग्रणी होने का दावा करने वाले देश भी अपनी अंतरिक्ष संबंधी गतिविधियों में मूल्यवर्धन के लिए आज भारत की ओर देख रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “मानवता का भविष्य का विकास सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीज) को प्राप्त करने और जन सामान्य के जीवन को बेहतर बनाने के लिए स्रोतों का जिम्मेदारीपूर्वक दोहन करने तथा संसाधनों को एकत्रित करने के साथ ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की हमारी सामूहिक क्षमता में निहित है।”
उन्होंने कहा कि “वैश्विक अर्थव्यवस्था में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उत्तरदायी अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों का गठबंधन होना समय की मांग है और जैसा कि इस कार्यक्रम के विषय में सही ढंग से दर्शाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, हम संस्कृत भाषा में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ कहते हैं – ”यह भारत के जी-20 की थीम – ”एक पृथ्वी, एक अंतरिक्ष और एक भविष्य” को सटीक रूप से दर्शाता है।“ विश्व भर के निजी साझेदारों और विचार समूहों थिंक टैंकों का स्वागत करते हुए, भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने संभावना जताई कि , जी-20 देशों की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के नेताओं की बैठक से इस ग्रह पर वास्तविक और सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर सहमति बनेगी।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रमुख, जी-20 के अंतरिक्ष उद्योगों के नेता, जी-20 देशों और आमंत्रित देशों के वरिष्ठ राजनयिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस दो दिवसीय बैठक में भाग ले रहे हैं।