October 31, 2025

The basis of reservation is not the economic progress of any community or individual, but to eradicate the untouchability that has been prevalent in the society for thousands of years: Mallikarjun Kharge.

दिल्ली, एससी-एसटी आरक्षण और क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों ने एक फैसला दिया है। जिसमें उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के लोगों के सब-कैटेगराइजेशन के साथ ही क्रीमी लेयर की भी बात की है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करता है। उन्‍होंने केंद्र सरकार से कहा कि इस मुद्दे पर सरकार चाहती तो इसी सत्र में संविधान संशोधन लाकर सुलझा सकती थी। मोदी सरकार 2-3 घंटे के अंदर नई बिल ले आती है तो ये भी संभव था।

कांग्रेस अध्‍यक्ष खड़गे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण खत्म करने का जो इरादा है, वो अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है. आज सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है।

खड़गे ने कहा कि भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण बाबासाहेब के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित नेहरू और महात्मा गांधी जी के योगदान से इसे संविधान में मान्यता देकर, नौकरी और शिक्षा संस्थानों में भी लागू किया गया था। उन्‍होंने कहा क‍ि राजनीतिक आरक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार में भी आरक्षण जरूरी मुद्दा था, लेकिन अब एससी-एसटी के लोगों को क्रीमी लेयर का कहकर आरक्षण से बाहर निकालना उनके ऊपर एक बड़ा प्रहार है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, पिछले 70 सालों में सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी जब समुदायों के लोगों की भर्तियाँ होती थी। अब वेकेंसीज है, वो नहीं भरी जा रही है, अधिकतर पद ख़ाली है। जिसका अर्थ है कि इन वर्ग के लोग, सम्मिलित रूप से मिलकर भी इन पदों को नहीं भर पा रहे। दलित समुदाय अभी भी सामान्य वर्ग के लोगों के साथ मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश में लाखों सरकारी नौकरियां हैं। जिनमें भर्तियां नहीं की जा रही हैं। दूसरी ओर आप क्रीमी लेयर के जरिए दलित समाज को कुचल रहे हैं। मैं इसका विरोध करता हूं। उन्‍होंने कहा कि एससी-एसटी आरक्षण के इस मुद्दे में दलितों-वंचितों के बारे में नहीं सोचा गया।

और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आरक्षण का आधार किसी समुदाय या व्यक्ति की आर्थिक तरक़्क़ी नहीं था। बल्कि यह समाज में हज़ारों सालों से फैली अस्पृश्यता, छूआछूत को मिटाना – ख़त्म करना है । और यह समाज से अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है। कई उदाहरण रोज़ हमारे सामने आते हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने कई बुद्धिजीवियों को बुलाकर चर्चा की है। उन्‍होंने कहा कि इस विषय पर हम कंसल्टेशन कमेटी बनाएंगे, एनजीओ से मिलेंगे। उनकी राय लेंगे और सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे।

The basis of reservation is not the economic progress of any community or individual, but to eradicate the untouchability that has been prevalent in the society for thousands of years: Mallikarjun Kharge.

 

 

 

 

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