November 4, 2025

भारतीय सेना ने बर्फीली ठंड में सियाचिन में फंसे हिमालयी भालू के बच्चे को बचाया

नवंबर 2025 को सियाचिन पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने हिमालयी भूरे भालू के बच्चे की जान बचाई। इस नन्हे भालू का सिर एक टीन के कनस्तर में फंसा हुआ था, जिससे वह खुद को बचा नहीं पा रहा था और काफी परेशान था।सेना के जवानों ने बड़ी सावधानी और मनुष्यता का परिचय देते हुए रस्सी की मदद से भालू को सुरक्षित पकड़कर एक कमरे में ले गए। वहां उन्होंने विभिन्न औजारों से धीरे-धीरे कनस्तर को काटकर भालू का सिर बाहर निकाला। इस दौरान भालू बच्चा शांत रहा और जवानों के साथ तालमेल बनाता दिखा।भालू बचाने के बाद सैनिकों ने उसे खाना दिया ताकि वह इस घटना से उबर सके, फिर उसे बर्फीली पहाड़ियों में सुरक्षित छोड़ दिया गया। इस पूरे बचाव अभियान का एक वीडियो भारतीय वन सेवा अधिकारी आईएफएस प्रवीन कासवान ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसे देखकर लोगों ने भारतीय सेना की मानवता और बहादुरी की खूब सराहना की।यह घटना सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग भारतीय सेना को “थैंक्यू यू इंडियन आर्मी” कहकर धन्यवाद दे रहे हैं। सियाचिन जैसी तकलीफ भरी जगह पर भी सेना की यह संवेदनशीलता और जिम्मेदारी wildlife की सुरक्षा के प्रति एक प्रेरणादायक मिसाल बनी है।यह प्रयास न केवल सैनिकों की बहादुरी दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की सेना अपने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए पर्यावरण और जलवायु के प्रति भी जागरूक है।यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि पहाड़ियों और दुर्गम इलाकों में मानवता और जीव जितनी ही जरूरी है उतनी ही एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति भी।भारतीय सेना के इस साहस और संवेदना के लिए देशवासियों ने उन्हें दिल से सलाम किया है।नवंबर 2025 को सियाचिन पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने हिमालयी भूरे भालू के बच्चे की जान बचाई। इस नन्हे भालू का सिर एक टीन के कनस्तर में फंसा हुआ था, जिससे वह खुद को बचा नहीं पा रहा था और काफी परेशान था।सेना के जवानों ने बड़ी सावधानी और मनुष्यता का परिचय देते हुए रस्सी की मदद से भालू को सुरक्षित पकड़कर एक कमरे में ले गए। वहां उन्होंने विभिन्न औजारों से धीरे-धीरे कनस्तर को काटकर भालू का सिर बाहर निकाला। इस दौरान भालू बच्चा शांत रहा और जवानों के साथ तालमेल बनाता दिखा।भालू बचाने के बाद सैनिकों ने उसे खाना दिया ताकि वह इस घटना से उबर सके, फिर उसे बर्फीली पहाड़ियों में सुरक्षित छोड़ दिया गया। इस पूरे बचाव अभियान का एक वीडियो भारतीय वन सेवा अधिकारी आईएफएस प्रवीन कासवान ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसे देखकर लोगों ने भारतीय सेना की मानवता और बहादुरी की खूब सराहना की।यह घटना सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग भारतीय सेना को “थैंक्यू यू इंडियन आर्मी” कहकर धन्यवाद दे रहे हैं। सियाचिन जैसी तकलीफ भरी जगह पर भी सेना की यह संवेदनशीलता और जिम्मेदारी wildlife की सुरक्षा के प्रति एक प्रेरणादायक मिसाल बनी है।यह प्रयास न केवल सैनिकों की बहादुरी दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की सेना अपने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए पर्यावरण और जलवायु के प्रति भी जागरूक है।यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि पहाड़ियों और दुर्गम इलाकों में मानवता और जीव जितनी ही जरूरी है उतनी ही एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति भी।भारतीय सेना के इस साहस और संवेदना के लिए देशवासियों ने उन्हें दिल से सलाम किया है।

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