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November 19, 2025

कार्बेट में और मजबूत होगा वन्य जीव संरक्षण का सुरक्षा घेरा, आईसीआईसीआई फाउंडेशन देगा दस करोड़

रामनगर। बाघों के लिहाज से महत्वपूर्ण कार्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की सुरक्षा व संरक्षण को और मजबूत किया जाएगा। पहली बार औद्योगिक घराने भी कार्बेट में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। कार्बेट देश में पर्यटन व वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण जगह है।

कार्बेट में सीमित बजट मिलने की वजह से कई बड़ी योजना के काम रह जाते हैं। ऐसे में सीटीआर निदेशक डा. साकेत बडोला ने बाघों के संरक्षण के लिए पिछले साल बाघ रक्षक कार्यक्रम चलाया हुआ है। जिसमें स्कूलों, पर्यटन कारोबारियों व बड़ी कंपनियों को जोड़ने की पहल की गई है।इस कार्यक्रम के तहत ही आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने वन्य जीव संरक्षण के लिए दस करोड़ रुपये तथा पाइप बनाने वाली एस्ट्रल कंपनी ने एक करोड़ रुपये कार्बेट को देने का निर्णय लिया है। कंपनी के अधिकारियों की ओर से सीटीआर निदेशक डा. साकेत बडोला के साथ हुई बैठक में सहमति भी हो चुकी है। कंपनियों की ओर से सीटीआर को यह पैसा सीएसआर यानी कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के मद से मिलेगा।

यह पैसा वन कर्मी, वन्य जीवों व संसाधनों में खर्च होगा। कार्बेट में डेढ़ सौ वन चौकियां हैं। इसमें से 35 वन चौकी में बिजली की आपूर्ति के लिए सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा वन चौकियों में वनकर्मियों के लिए पेयजल की काफी परेशान है। यहां पानी की आपूर्ति कराने को पाइप लाइन बिछाने के साथ ही सोलर पंप लगाए जाएंगे। यानी पानी की सुचारू आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।

वन्य जीवों के लिए नये वाटर हाल बनाए जाएंगे। ऐसेी व्यवसथा की जाएगी कि उसमें हर समय पानी भरा रहे। साथ ही जंगल में फील्ड कर्मचारियों को गश्त के लिए जूते, स्मार्ट स्टिक व आग बुझाने के लिए लीफ ब्लोअर, अग्नि सुरक्षा सूट व हेलमेट आदि खरीदकर दिए जाएंगे।

वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए जो भी अत्याधुनिक उपकरण की और आवश्यकता होगी वह खरीदे जाएंगे। इसके अलावा वास स्थल सुधार के लिए लैंटाना व बेकार घास हटाने के कार्य किए जाएंगे। दोनों कंपनियां 11 करोड़ रुपये का करार सीटीआर के साथ करने जा रही है।

आईसीआईसीआई फाउंडेशन व एस्ट्रल कंपनी से सीटीआर का करार होने जा रहा है। सीएसआर फंड से यह धनराशि कंपनी की ओर से कार्बेट को दी जाएगी। कार्बेट के बाघ रक्षक कार्यक्रम के तहत ही यह करार किया जा रहा है। यह पैसा सीटीआर के संरक्षण व जरूरतों के लिए खर्च किया जाएगा। इसके काफी दीर्घकालिक सुखद परिणाम भी देखने को मिलेंगे। कार्बेट के रेस्क्यू सेंटर में भी सीएसआर से ही पैथोलोजी लैब बनाई गई है। उसमें भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून ने दो व फूजी फिल्म कंपनी ने भी एक मशीन दी है। – डा. साकेत बडोला, निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर

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