दिल्ली , (आईएएनएस), अमेरिका ने उत्तरी यमन के पश्चिमी ईंधन बंदरगाह रास ईसा पर बड़ा हवाई हमला किया है। अमेरिकी हमले में करीब 35 के मरने और 70 से ज्यादा लोगों के घायल होने की अपुष्ट खबरें हैं। इन हमलों का उद्देश्य हूती संगठन की शक्ति के आर्थिक स्रोत को कमजोर करना था, जो अपने साथी देशवासियों का शोषण करते रहते हैं उन्हें भारी पीड़ा पहुंचाते हैं। वाशिंगटन का कहना है कि कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि हूती लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना बंद नहीं कर देते।
ईरान समर्थित हूती संगठन पर वाशिंगटन की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से यह सबसे घातक हमलों में से एक है। हूती संगठन द्वारा संचालित अल मसीरा टीवी रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को पश्चिमी ईंधन बंदरगाह रास ईसा पर हुए हमलों में करीब 100 लोग घायल भी हुए।
वहीं अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने इस हवाई हमलों की शुरुआती घोषणा के अलावा कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है। एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, इन हमलों का उद्देश्य हूती ग्रुप की शक्ति के आर्थिक स्रोत को कमजोर करना है। हूती संगठन अपने साथी देशवासियों का शोषण करते रहते हैं उन्हें भारी पीड़ा पहुंचाते हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार पदभार ग्रहण करने के बाद से मध्य पूर्व में यह अमेरिका का सबसे बड़े सैन्य अभियान है। इसके तहत पिछले महीने से बड़े पैमाने पर शुरू किए गए। वाशिंगटन का कहना है कि कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि हूती लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना बंद नहीं कर देते।
बता दें कि,नवंबर 2023 से, हूती विद्रोहियों ने यमन के समुद्री मार्ग से गुजरने वाले जहाजों पर दर्जनों ड्रोन मिसाइल हमले किए हैं। उनका कहना है कि वे गाजा में हमास-हिज़्बुला के समर्थन में, इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। 2014 से गृहयुद्ध के बाद हूती समूह ने उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण बना रखा है।