दिल्ली: अमेरिका की एजेंसी यूएसएआईडी द्वारा भारत में मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने भारत में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस इसे लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस ने कहा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि ‘यूएसएड’ तथा अन्य ऐसी विदेशी द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गवर्नर्स वर्किंग सेशन में लगातार तीसरे दिन इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा, 21 मिलियन डॉलर भारत को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए जा रहे हैं। हम भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? और हमारे यहां क्या? मुझे भी वोटर टर्नआउट चाहिए। हमें भारत में वोटर टर्नआउट के लिए इतना खर्च क्यों करना पड़ रहा है? मुझे लगता है कि वे किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएसएआईडी के इस खुलासे पर चिंता जताई है ।उन्होंने यूएसएआईडी के 21 मिलियन डॉलर के ‘वोटर टर्नआउट इन इंडिया’ फंडिंग के दावे को ‘चिंताजनक’ बताया है । अगर इसमें कुछ सच्चाई है, तो देश को पता होना चाहिए कि इसमें कौन लोग शामिल हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “ट्रंप प्रशासन के लोगों ने कुछ जानकारी बाहर रखी है और यह स्पष्ट रूप से चिंताजनक है। यह मामला भारत से भी जुड़ा होने पर, एक सरकार के रूप में, हम इसकी जांच कर रहे हैं। मेरा मानना है कि तथ्य सामने आएंगे । यूएसएआईडी को अच्छे इरादों से भारत में काम करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब अमेरिका से यह सुझाव आ रहे हैं कि कुछ गतिविधियां गलत इरादों से की जा रही हैं। यह वाकई चिंता की बात है. अगर इसमें कोई सच्चाई है, तो देश को यह जानने का हक है कि इसमें कौन शामिल है।