Bharadisain, 20 August 2025,
आज विधानसभा में “उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक – 2025” पास कर दिया गया है। अभी तक अल्पसंख्यक संस्थानों की मान्यता केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित थी। वहीं मदरसा शिक्षा व्यवस्था में वर्षों से केंद्रीय छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताएं, मिड-डे मील में गड़बड़ियां और प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी जैसी गंभीर समस्याएं सामने आई थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस वार्ता में बताया किउन्होंने कहा कि इस विधेयक के लागू होने के साथ ही मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम तथा गैर-सरकारी अरबी और फारसी मदरसा मान्यता नियम 1 जुलाई 2026 से समाप्त हो जाएगा। अब सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को भी पारदर्शी मान्यता प्राप्त होगी। यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा बल्कि विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार को अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों के संचालन की प्रभावी निगरानी एवं आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार प्राप्त होगा। निश्चित तौर पर यह विधेयक शिक्षा को नई दिशा देने के साथ ही राज्य में शैक्षिक उत्कृष्टता और सामाजिक सद्भाव को भी और सुदृढ़ करेगा।
2025-26 के लिए भराड़ीसैंण (गैरसैण) में ₹ 5,315 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन में पारित हो गया है।
वहीं गैरसैंण में हो रहे विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा । बुधवार सुबह धराली आपदा, बेतालघाट व नैनीताल जिपं बवाल पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा रहा विपक्ष। जमकर नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित..विरोध स्वरूप मंगलवार की रात कांग्रेसी विधायक सभा मंडप में ही सोए।
विपक्ष का आरोप है कि आख़िर नियम 310 में राज्य की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर चर्चा क्यों नहीं कराना चाहती सरकार ?
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आहूत विधानसभा के द्वितीय सत्र, 2025 की सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित।
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