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एसोचैम ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस को पत्र लिखकर जीएसटी की दरें कम करने की मांग की है। - Separato Spot Witness Times
अर्थ जगत

एसोचैम ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस को पत्र लिखकर जीएसटी की दरें कम करने की मांग की है।

नवंबर 2021,

दिल्ली, एसोचैम ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस को पत्र लिखकर मांग की है कि , उद्योग का कृषि और खाद्य खपत से संबंध है और इसके प्रदर्शन का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है, वर्तमान में उद्योग को “मूल्य मुद्रास्फीति” से भी जूझना पड़ रहा है। अतः सरकार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को कम करके पैकेटबंद ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड खाद्य उत्पादों के बीच लागू दरों को युक्तिसंगत बनाना चाहिए।

मौजूदा समय में ब्रांडेड और पैकेटबंद खाद्य उत्पाद जैसे आलू के चिप्स, अनाज, स्नैक फूड, नमकीन 12 प्रतिशत के स्लैब के अंतर्गत आते हैं, जबकि गैर-ब्रांडेड नमकीन, चिप्स और भुजिया पर पांच प्रतिशत कर लगता है। एसोचेम ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, जिसका वर्तमान कुल उत्पादन लगभग 158.69 अरब डॉलर का है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है और कोविड -19 महामारी के दौर में यह संघर्ष कर रहा है।

एसोचैम के महासचिव अन्य देशों का हवाला देते हुए लिखा है कि ,ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, कनाडा और थाइलैंड सहित कई देशों में खाद्य उत्पादों पर शून्य शुल्क है। जबकि जर्मनी, इटली, फ्रांस और स्विटजरलैंड में पैकेटबंद खाद्य उद्योग के लिए कर दरें सिर्फ 2.5 से 7 प्रतिशत के बीच हैं।

 

 

 

 

 

 

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