December 19, 2025

38 दिन बाद फिर शुरू हुआ सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का काम

यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर फंस गए थे। 17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच शुरू कर दी है।

41 मजूदरों के फंसने के 38 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो गया है। कंपनी पहले बड़कोट सिरे से काम कर रही है। जांच होने के बाद सिलक्यारा सिरे से भी सुरंग निर्माण शुरू किया जाएगा। केवल 480 मीटर सुरंग बची हुई है।

उधर, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने ऑपरेशन सिलक्यारा की सफलता पर बधाई प्रस्ताव पास किया है, जिसके मिनट्स केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किए हैं। चारधाम ऑलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर फंस गए थे।

17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच शुरू कर दी है। 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है।

इस हिस्से के निर्माण के लिए नवयुगा कंपनी ने बड़कोट सिरे से काम शुरू कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद सिलक्यारा की ओर वाले सिरे से भी काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा कि सुरंग का निर्माण नए साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सिलक्यारा सुरंग हादसे की जांच करने के बाद टीम दिल्ली लौट गई है। टीम ने यहां करीब चार दिन तक जांच पड़ताल की है। अब यह टीम मंत्रालय को अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर ही सुरंग के सिलक्यारा हिस्से का काम शुरू किया जाएगा। फिर टीम को एक माह में विस्तृत रिपोर्ट देनी है।

एनएचआईडीसीएल को सिकल्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी कंपनियों के बिल का इंतजार है। तमाम कंपनियों ने अपनी मशीनरी को यहां मंगाकर बचाव अभियान में हिस्सा लिया था। उनके बिल आने के बाद एनएचआईडीसीएल इसका पूरा खर्च नवयुगा कंपनी से वसूल करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने भी ऑपरेशन सिलक्यारा को सराहा है। नवंबर में हुई बैठक के मिनट्स परिवहन मंत्रालय ने जारी किए हैं। इसमें चार पेज की एक रिपोर्ट भी रखी गई, जिसमें बताया गया कि 41 मजदूरों के फंसने, उन्हें बाहर निकालने और अंत में खोडुस (रैट माइनर्स) अभियान को अंत तक पहुंचाने का जिक्र करते हुए बचाव दलों की प्रशंसा की गई है। अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि.) की सक्रियता और निगरानी की भी तारीफ की गई। साथ ही पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, राज्य सरकार के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल की सक्रियता की तारीफ भी की गई है

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