दिल्लीः हरियाणा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार, महाराष्ट्र के निराशाजनक चुनावी नतीजों और संगठन को मजबूत बनाने पर कांग्रेस की सेन्ट्रल वर्किंग कमेटी में मंथन किया गया। सेन्ट्रल वर्किंग कमेटी की मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, कुमारी सैलजा समेत राज्यों के बड़े नेता मौजूद रहे।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट कहा कि लोक सभा चुनाव में उत्साह भरे नतीजों को हासिल करने के बाद विधान सभा के चुनाव नतीजे निराशाजनक रहें हैं।तीन राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। इंडिया गठबंधन ने 4 में से 2 राज्यों में सरकार बनाई। पर हमारा प्रदर्शन आशाओं के विपरीत निराशाजनक रहा।भविष्य के लिहाज से यह हमारे लिए चुनौती है। इसीलिए हमें कठोर निर्णय लेने होंगे। हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए हर समय सफलता नहीं पा सकते हैं। उन्होंने बूथ लेवल से लेकर राज्य के बड़े और जिम्मेदार नेताओं को कार्यशैली में सुधार लाने की सलाह दी है। अहम बात जो मैं बार-बार कहता हूँ कि, आपसी एकता की कमी और एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है। जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था। लेकिन केवल माहौल पक्ष में होना भर जीत की गारंटी नहीं। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फ़ायदा नहीं उठा पाते? इसीलिए हमें पर्याप्त मेहनत करने के साथ समयबद्ध तरीके से रणनीति बनानी होगी। हमे अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा। हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा।
सेन्ट्रल वर्किंग कमेटी की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि, बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, इस देश के ज्वलंत मुद्दे हैं। जाति जनगणना भी आज का एक अहम मसला है। संविधान, सामाजिक न्याय और सौहार्द जैसे मसलों जन-जन के मुद्दे है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम चुनावी राज्यों में वहां के जरूरी स्थानीय मुद्दों को भूल जाए। राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को समय रहते बारीकी से समझना और उसके इर्द-गिर्द ठोस चुनावी रणनीति बनाना भी जरूरी है।
बैठक में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का मुद्दा भी उठाया गया। इसपर हिदायत दी गई कि,चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा। पर देश में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है।
Congress central working committee
निराशाजनक चुनावी नतीजों और संगठन को मजबूत बनाने पर कांग्रेस की सेन्ट्रल वर्किंग कमेटी में हुआ मंथन