November 13, 2025

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण में फर्जी वोटर्स होने का लगाया आरोप: चुनाव आयोग और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। 

Delhi , 07 August 2025,

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण में गड़बड़ियों को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इस दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाते हुए इन दोनों राज्यों की मतदाता सूची में फर्जी वोटर्स का आरोप लगाया है। इसके लिए भारत के चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों को लेकर हलफनामा देने को कहा है। आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को काफी गंभीर भी बताया है। आयोग ने कहा कि इन आरोपों को केवल हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों में फर्जी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। और उन्होंने कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाकर अपनी बात को पुष्ट किया। गांधी ने दावा किया कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से अधिक वोट फर्जी हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “कांग्रेस द्वारा किए गए एक आंतरिक जांच में कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक लाख से ज़्यादा नकली मतदाता, अवैध पते और बड़ी संख्या में मतदाता पाए गए।” 2024 के लोकसभा चुनावों में बैंगलोर सेंट्रल में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान ने ज़्यादातर मतगणना में बढ़त बनाए रखी, लेकिन अंतिम नतीजों में भाजपा के पीसी मोहन को 32,707 वोटों के मामूली अंतर से जीत मिली।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर “मशीन से पढ़े न जा सकने वाले दस्तावेज़” मुहैया करा रहा है ताकि राजनीतिक दल मतदाता डेटा की जाँच न कर सकें। “इस काम में हमें छह महीने लगे। अगर चुनाव आयोग हमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा देता है तो हम 30 सेकंड में ही पूरा डेटा उपलब्ध करा देते। राहुल ने सवाल उठाया कि, हमें इस तरह का डेटा क्यों दिया जा रहा है? ताकि उसका विश्लेषण न हो? ये दस्तावेज़ ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन की सुविधा नहीं देते। 2024 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और भाजपा को अकेले दम पर बहुमत हासिल करने से रोक दिया, जिससे वह 240 सीटों तक सीमित रह गई। भाजपा को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा। कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं, जबकि इंडिया ब्लॉक को 235 सीटें मिलीं।हालाँकि, बाद के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की चुनावी किस्मत बहुत खराब हो गई और उसे हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा। गांधी ने कहा कि हर पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता है, लेकिन भाजपा इससे प्रभावित नहीं होती।उन्होंने कहा, “मतदाता सूची में फर्जी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। कुछ बिंदुओं के आधार पर जनता में संदेह पैदा हो गया है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों की भविष्यवाणी करने में ज़्यादातर एग्ज़िट पोल कैसे ग़लत साबित हुए? कई एग्ज़िट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत और महाराष्ट्र में महायुति को बढ़त की भविष्यवाणी की थी। आपने हरियाणा चुनाव, महाराष्ट्र चुनाव में देखा, और फिर अचानक परिणाम पूरी तरह से अलग दिशा में चले।

राहुल गांधी ने कहा, ”पिछले कुछ समय से जनता में एक संदेह था। सत्ता विरोधी माहौल हमेशा सत्तारूढ़ दल के खिलाफ होता है, लेकिन बीजेपी इकलौती ऐसी पार्टी जिसके खिलाफ यह माहौल नहीं होता? उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि सर्वेक्षण कुछ कह रहे थे, लेकिन नतीजे कुछ और हो गए।

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