October 31, 2025

Hindenburg Research’s new revelation regarding Adani Group. 

दिल्ली। अमेरिका की शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार सुबह एक्स पर पोस्ट किया,भारत में एक बार फिर बड़ा होने वाला है। इसके बाद शनिवार सायं को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को लेकर नया खुलासा किया। हिंडनबर्ग ने एक ब्लॉग में दावा किया कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी घोटाले में इस्तेमाल किए गए “अस्पष्ट ऑफशोर फंड” में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा किए गए दावे के मुख्य बिंदु:-

*अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, सेबी की वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

* इंडिया इंफोलाइन फाइनेंस लिमिटेड” आईआईएफएल के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए, कंपनी ने दावा किया कि दंपति की कुल संपत्ति $10 मिलियन होने का अनुमान है और गुप्त निवेश का स्रोत वेतन था।

* रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि संक्षेप में, हजारों मुख्यधारा, प्रतिष्ठित ऑनशोर भारतीय म्यूचुअल फंड उत्पादों के अस्तित्व के बावजूद, एक उद्योग जिसे अब वह विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है, दस्तावेजों से पता चलता है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास छोटी-छोटी संपत्तियों के साथ एक बहुस्तरीय ऑफशोर फंड संरचना में हिस्सेदारी थी, जो ज्ञात उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों से होकर गुजरती थी, जिसकी देखरेख वायरकार्ड घोटाले से कथित तौर पर जुड़ी एक कंपनी द्वारा की जाती थी, उसी इकाई में अडानी के एक निदेशक द्वारा संचालित और विनोद अडानी द्वारा कथित अडानी कैश साइफनिंग घोटाले में महत्वपूर्ण रूप से इस्तेमाल किया गया था।

*हिंडनबर्ग के 2023 के आरोपों के अनुसार, गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा कथित रूप से नियंत्रित अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड ने अडानी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में वृद्धि की।

* इसने दावा किया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि सेबी ने अडानी के अपतटीय शेयरधारकों को किसने वित्तपोषित किया, इस बारे में अपनी जांच में “कोई नतीजा नहीं निकाला।

हालांकि, बुच दंपत्ति ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह ‘चरित्र हनन करने का प्रयास’ है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सेबी ने, हिंडनबर्ग और एंडरसन को ‘सेबी के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम के नियमों’ और ‘सेबी के रिसर्च एनालिस्ट के लिए बनाई गई आचार संहिता के नियमों’ का उल्लंघन किए जाने के मामले में नोटिस जारी किया था।

बुच दंपत्ति ने कहा है कि 10 अगस्त की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे “पूरी तरह से तथ्यहीन हैं और हम उन्हें सिरे से खारिज करते हैं। बयान में कहा गया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन की कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने जवाब में चरित्र हनन का विकल्प चुना है।

अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया:-

अदाणी समूह ने अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए कहा कि ,उसका बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है.

अदाणी समूह ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा, “हिंडनबर्ग के नए आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और छेड़छाड़ करने वाला चयन है। जो कि , निजी मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के इरादे से किया गया है। समूह ने कहा, “हम अदाणी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। ये उन अस्वीकार किए जा चुके दावों का दोहराव हैं जिनकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं और जनवरी, 2024 में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिए गए हैं।

आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर अपना बयान जारी करते हुए इस ंमामले की जांच की ंमांग की है, उनका कहना है कि “हिंडनबर्ग खुलासे की भनक सरकार को लग गई थी और शायद यही वजह है कि तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का सत्र समाप्त कर दिया।’

वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि “असली अडानी शैली में, सेबी के चेयरमैन भी उनके समूह में निवेशक हैं। क्रोनी कैपिटलिज्म का सबसे बेहतरीन उदाहरण।”

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि ‘ ये गंभीर मामला है। मुझे इनके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए। इन बातों को यहीं नहीं छोड़ा जा सकता है, ये देश की अस्मिता से जुड़ा मामला है इसलिए इग्नोन करना सही नहीं है।’

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि “दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें इनका सारे कारनामे सबके सामने आ गए।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार रात एक बयान जारी कर कहा कि लंबे समय से सेबी अडानी ‘महाघोटाले’ की जांच करने से कतरा रही है। जॉइंट पार्ल्यामेंट्री कमेटी से भी जांच करवाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी ने विशेष रूप से संज्ञान लिया था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, कांग्रेस और विपक्ष ने अडानी समूह के खिलाफ जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) जांच की मांग तेज कर दी है।

Hindenburg Research’s new revelation regarding

Adani Group.

 

 

 

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