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भारतीय सेना ने कृत्रिम युद्ध कौशल संबंधी अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों की क्षमता विकास का प्रदर्शन किया, - Separato Spot Witness Times
राष्ट्रीय समाचार

भारतीय सेना ने कृत्रिम युद्ध कौशल संबंधी अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों की क्षमता विकास का प्रदर्शन किया,

Pokharan ,01 Jun  2025,

भारतीय सेना पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज, बबीना फील्ड फायरिंग रेंज और उत्तराखंड के जोशीमठ सहित देश भर के प्रमुख स्थानों पर कृत्रिम युद्ध कौशल संबंधी अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों की व्यापक क्षमता विकास को दर्शाने वाली प्रदर्शनी आयोजित कर रही है। इसके अलावा आगरा और गोपालपुर में विशेष रूप से वायु रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। ये क्षेत्र आधारित परीक्षण लगभग युद्ध होने जैसी परिस्थितियों में आयोजित हो रहे हैं, जिनमें अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के प्रदर्शन का बारीकी से आंकलन करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक रूप से कृत्रिम युद्ध कौशल संबंधी को एकीकृत किया जा रहा है। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने गत दिवस बबीना फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा कर वहां चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की ।

इन आयोजित प्रदर्शनियों में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विकसित उन्नत प्रौद्योगिकियों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी क्षमता के विकास में तेजी लाना है। ये परीक्षण भारतीय सेना के “परिवर्तन के दशक” के रोडमैप में एक महत्वपूर्ण कदम है और इनका उद्देश्य उभरती युद्धक परिस्थितियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का तेजी से समावेशन सुनिश्चित करना है। इस रक्षा प्रदर्शन में बड़ी संख्या में रक्षा उद्योग साझेदार भाग ले रहे हैं, जो भारतीय सेना और घरेलू निर्माताओं के बीच बढ़ते तालमेल को प्रदर्शित करता है।

आयोजित प्रदर्शनियों में मानवरहित हवाई प्रणालियां यूएएस, यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन यूएलपीजीएम, रनवे इंडिपेंडेंट (आरडब्ल्यूआई) रिमोटली पायलटेड एरियल सिस्टम (आरपीएएस), काउंटर-यूएएस समाधान,मानव रहित हवाई वाहन हथियार, विशिष्ट वर्टिकल लॉन्च एसवीएल ड्रोन, सटीक बहु युद्धक सामग्री वितरण प्रणालियां, एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडीआईएस), उन्नत हल्के वजन वाले रडार, वीएसएचओआरएडीएस (अगली पीढ़ी) आईआर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्लेटफॉर्म, आदि अत्याधुनिक उपकरण और हथियार शामिल हैं।

इन मूल्यांकनों के माध्यम से, भारतीय सेना का लक्ष्य अपनी तकनीकी बढ़त को विस्तार देना, परिचालन तत्परता को बढ़ाना और रक्षा क्षमता विकास में स्वदेशी नवाचार व आत्मनिर्भरता के प्रति अपनी वचनबद्धता की पुष्टि करना है।

 

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