Bihar, 24 October 2025,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज समस्तीपुर की विशाल चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी-कांग्रेस के गठबंधन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, जंगलराज वालों ने बिहार की कई पीढ़ियां बरबाद कर दीं हैं। उनका प्रचार आज भी छर्रा, कट्टा और दोनाली पर चलता है। इस दौरान उन्होंने आरजेडी के शासन काल का भी जिक्र किया और लोगों को याद दिलाया कि लालू यादव के शासन काल में बिहार में किस तरह का शासन था?
प्रधानमंत्री मोदी ने आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कभी नाम लेकर तो कभी बिना नाम लिए हमला किया। उन्होंने जंगलराज की चर्चा करते हुए जनता से मोबाइल जलाने की अपील की। उन्होंने कहा, “जरा अपने मोबाइल की लाइट जलाइए. अब बताइए, इतनी रोशनी में लालटेन की ज़रूरत है क्या?”
श्री मोदी ने अपने संबोधन में नीतीश के शासनकाल की सराहना करते हुए कहा, बिहार ने 2005 में नीतीश की सरकार आने बाद बिहार की जनता ने लालू यादव सरकार के जंगलराज से मुक्ति पाई थी। उन्होंने जोर देकर कहा अब जंगलराज को कभी लौटने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को सुशासन का चेहरा बताया और कहा, “एनडीए यानी विकास की गारंटी, एनडीए यानी जनता की सेवा है। उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के आम चुनावों में एनडीए गठबंधन के पक्ष में चुनाव परिणाम आने का हवाला देते हुए कहा, “अब एनडीए बिहार भी रिकॉर्ड तोड़ेगा, नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सबसे बड़ा जनादेश लाने जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने संबोधन में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार सहित पूरे देश में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। हमारी सरकार ने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि महिला रोजगार योजना के तहत अब तक एक करोड़ से अधिक महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली के क्षेत्र में एनडीए सरकार ने ऐतिहासिक सुधार किए हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव, सहनी और महागठबंधन के अन्य दल सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरी करने में लगे हैं, जबकि ये लोग जिन वर्गों की वे बात करते हैं उन्हें वास्तविक भागीदारी नहीं दे रहे हैं। पासवान ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के चेहरा घोषित किए जाने पर हमला बोला।कहा कि तेजस्वी यादव, जो खुद यादव समाज के हैं।जिसकी बिहार में आबादी लगभग 13 फीसदी है, उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं, सहनी समाज, जिसकी बिहार में जनसंख्या करीब 2 फीसदी है, उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद अपने नाम कर लिया. मगर जिस मुस्लिम समाज की आबादी 18 फीसदी है। मगर मुस्लिमों को उसे कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व या बड़ा पद देने की घोषएणा क्यों नहीं की गई?