Uttrakhand 31 August 2025,
रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी गढ़वाल जिलों में अतिवृष्टि से हालात खराब हैं। रुद्रप्रयाग के बसुकेदार में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इसके साथ ही अलकनंदा नदी भी उफान पर है। अलकनंदा नदी का पानी धारी देवी मंदिर तक पहुंच गया है। धारी देवी के पास लगने वाली दुकानें भी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। अलकनंदा के घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं।
सिरोबगड़ से लगभग 800 मीटर आगे श्रीनगर की तरफ (गोवा ब्रिज नामक स्थान) पर अलकनंदा नदी का जलस्तर बढने से पानी हाईवे तक पहुंच गया। जिसके कारण आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई थी। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए नदी तट के नजदीक रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया गया है। साथ ही स्थानीय पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें भी एलर्ट हैं।
जोशीमठ से लगभग 50 किमी मलारी की ओर सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला एक मात्र तमक-लौंग पुल कल देर रात बह गया। भारी वर्षा के बाद तमक नाले के बुग्याल क्षेत्र में तमक नाले का जल स्तर बढ़ गया और तेज बहाव की वजह से तमक में बना पुल बह गया। यह पुल चीन बॉर्डर और नीती घाटी के गांवों को जोड़ता है। इस पुल के ध्वस्त हाेने से तमक, जुम्मा, कागा, गरपक, द्रोणागिरी, जेलम, कोषा, मलारी, कैलाशपुर, मेहरागांव, फर्किया गांव, बांपा गांव, गामशाली और नीती मुख्य सड़क से कट गए हैं। इस पुल के बहने से सेना, आईटीबीपी के जवान और बीआरओ सहित कई कंपनियों के लेबर भी प्रवाहित हुए है। पुल के बह जाने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हो गई है।
जोशीमठ से लगभग 50 किमी मलारी की ओर सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला तमक-लौंग पुल भारी बारिश में बह