नाथन एंडरसन ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का लिया फैसला,
दिल्ली, 16 जनवरी अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने अपनी कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है। ये जानकारी उन्होंने अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से दी है। फाउंडर नाथन एंडरसन ने बताया कि, जिन विचारों पर काम किया, उनके पूरे होते ही इसे बंद करना था।

बता दें कि, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों ने भारत के अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज सहित कई कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। 25 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी किया था। रिपोर्ट में अडानी समूह पर वित्तीय धोखाधड़ी और स्टॉक की कीमत में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। 24 फरवरी 2023 तक अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 59% की गिरावट आ गई थी। इससे कंपनी के बाजार मूल्य से अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने सेबी सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पर अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया था।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने बुधवार को यह खुलासा किया। एंडरसन ने कहा कि फर्म चलाना जीवन भर का रोमांच रहा है। एंडरसन ने कहा, “योजना यह थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे समाप्त कर दिया जाए। वह दिन आज है।”
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 2017 में हुई थी। इसने उद्योगों में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन उजागर करने के लिए अपना नाम बनाया। इसके बारे में एंडरसन ने कहा, “हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हें हिलाने की जरूरत थी।
एंडरसन ने एक लंबे नोट में इमोशनल पोस्ट लिखा, ‘जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ शेयर किया। मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है। प्लानिंग ये थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उनके पूरे होते ही इसे बंद कर दिया जाएगा। और हाल ही में जिन पोंजी मामलों को हमने पूरा किया है और नियामकों के साथ साझा कर रहे हैं, वह दिन आज ही है।
एंडरसन ने कहा कि, हम सभी ने सटीकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए और सबूतों के आधार पर अपने शब्दों को तय करते हुए बहुत मेहनत की है। कभी-कभी इसका मतलब होता है बड़े झटके लेना और ऐसी लड़ाइयां लड़ना जो हममें से किसी भी व्यक्ति से कहीं बड़ी होती हैं। धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और नकारात्मकता अक्सर भारी लगती है। शुरुआत में न्याय की भावना आमतौर पर मायावी होती थी, जब ऐसा हुआ तो यह बेहद संतोषजनक था। इसने हमें तब आगे बढ़ाया जब हमें इसकी ज़रूरत थी। आखिरकार हमने अपने काम से असर डाला- जितना मैंने शुरू में सोचा था उससे कहीं ज़्यादा असर हुआ. हमारे काम के ज़रिए कम से कम आंशिक रूप से विनियामकों द्वारा लगभग 100 व्यक्तियों पर दीवानी या आपराधिक आरोप लगाए गए हैं, जिनमें अरबपति और कुलीन वर्ग शामिल हैं, हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हें हमें हिलाने की ज़रूरत थी।
